एय‌र इंडिया के मज़ीद(ओर) 9 पायलट्स बरतरफ़(नोकरी से हटा दीए गए), हड़ताल जारी

* हुकूमत मुज़ाकरात(बात चीत) के लिए आमादा(तैयार): अजीत सिंह।
* अमेरीका और यूरोप के लिए बुकिंग बंद , किंगफिशर पायलेटों ने भी हड़ताल शुरू करदी
नई दिल्ली । एय‌र इंडिया पाइलेटों की हड्ताल आज तीसरे दिन में दाख़िल होगई है और मर्कज़ी वज़ीर शहरी हवा बाज़ी अजीत सिंह ने एहितजाजी पाइलेटों के साथ बातचीत के लिए हुकूमत की आमादगी के अज्म का इआदा(रजामंदी को जाहीर) किया।

उन्हों ने तवक़्क़ो(उम्मीद) ज़ाहिर की कि हाइकोर्ट की जानिब से हड्ताल को गै़रक़ानूनी क़रार देने के बाद पाइलेट्स अपना मौक़िफ़(रवैया) तबदील करेंगे(बदल देंगे)। अजीत सिंह ने कहा कि हाइकोर्ट ने बिलकुल वाज़िह तौर‌ पर (साफ साफ लफ्जों में)इस हड़ताल को गै़रक़ानूनी क़रार दिया है। तवक़्क़ो(उम्मिद) है कि पाइलेट्स हाइकोर्ट के इस फ़ैसले की तामील(पर अमल) करेंगे।

उन्हों ने कहा कि हर मस्ले पर बातचीत की जा सकती है लेकिन इस के लिए पाइलेटों को आगे आना होगा। उन्हों ने वाज़िह तौर पर (साफ शब्दों में)कहा कि एयरलाईंस और मुसाफ़िरों के मुफ़ादात(फाइदें) हुकूमत की अव्वलीन तर्जीह(पहला मकसद) है। पाइलेटों को चाहीए कि वो इस बात को यक़ीनी बनाएं कि एय‌र इंडिया का वक़ार मुतास्सिर ना होने पाए(वकार पर आँच ना आए)।

दिल्ली हाइकोर्ट ने कल कहा था कि पाइलेटों की हड़ताल गै़रक़ानूनी है और पाइलेटों को किसी भी तरह के एहितजाजी लायेहा-ए-अमल से रोक दिया था। अदालती हुक्म के बावजूद पाइलेट अपने मौक़िफ़(रवैया) पर क़ायम है और उन्हों ने कहा कि मुतालिबात तस्लीम करने(कबूल करने) तक एहतिजाज जारी रहेगा।

तक़रीबन(लग भग) 200 एय‌र इंडिया के पाइलेट्स जिन का ताल्लुक़ इंडियन पाइलेट्स गिल्ड (आई पी जी) से है, मंगल को अलालत (बीमारी)की दरख़ास्त दी, जिस की वजह से 6 बैन-उल-अक़वामी परवाज़ें मंसूख़(इंटर नेशनल फलाइटें रद‌) करनी पडी और आज तक़रीबन(लग भग) 20 परवाज़ें(फलाइटें) मंसूख़(रद) करदी गईं।

ये पाइलेट्स बोइंग 787 ड्रीम लाइनर की ट्रेनिंग के मुआमले में इंतिज़ामीया के इख़तियार कर्दा रवैय्या(कि तरफ से अप्नाए जाने वाले रवैया) पर एहतिजाज कर रहे हैं। इन का ये इस्तिदलाल(मान्ना) है कि इस तर्ज़ ‍ए‍ अमल(काम के इस तरीके) की वजह से कैरीयर की तरक़्क़ी पर असर पड़ेगा।

अजीत सिंह ने कहा कि क़दीम(पुराने) एय‌र इंडिया और इंडियन एयरलाईंस अमले(मुलाजमिन) के सिलसिले में जस्टिस धारोधीकारी पैनल रिपोर्ट पर ग़ौर किया जा रहा है, जिस में प्रोमोशन के इलावा एहितजाजी पाइलेट्स की जानिब से उठाए गए मसाइल का भी अहाता(को भी शामिल) किया गया।

हड़ताल के बाइस(वजह से) एय‌र इंडिया ने अमेरीका और यूरोप से मरबूत(जूडी) परवाज़ों की बुकिंग 15 मई तक रोक दी है। एयरलाईंस ओहदेदारों ने बताया कि इंतिज़ामीया ने सख़्त मौक़िफ़(रवैया) इख़तियार करते(अप्नाते) हुए मज़ीद(ओर) 9 अर इंडिया पाइलेटों को बरतरफ़ कर दिया(नौकरी से हटा दीया)।

किंगफिशर पाइलेट्स के इस मौक़िफ़ से उन की मुश्किलात मज़ीद(ओर) बढ़ गई है। विजय मुलिया की मिल्कियत किंगफिशर एयरलाईंस की परेशानियां कम होती दिखाई नहीं दे रही है क्योंकि मुंबई में भी पाइलेटों ने आज रात से परवाज़ें(फलाइटें) ना चलाने का फ़ैसला किया है। इन पाइलेटों ने इंतेज़ामीया के यक़ीन दीहानी(दिलाने) से इन्हिराफ़(मुकर जाने) पर ये एहतिजाज शुरू किया है।

उन्हों ने बताया कि जनवरी की तनख़्वाहें 9 मई को अदा करने का तयक्कुन दिया(यकीन दिलाया) गया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया। आज किंगफिशर की दिल्ली से शिमला, देहरादुन, धर्मशाला और जयपुर की परवाज़ें मंसूख़(फलाइटें रद ) कर‌दी गई। किंगफिशर ज़राए ने पी टी आई को बताया कि इंतेज़ामीया ने जनवरी की तनख़्वाह 9 मई से अदा करने का वाय‌दा किया था, लेकिन इस ने अपने ही वायदे से इन्हिराफ़ किया(मुकर गया), जिस की वजह से दिल्ली के पाइलेट्स ने कल रात इज्लास मुनाक़िद करते हुए रुख़स्त अलालत(बिमारी कि छूट्टी) हासिल करने का फ़ैसला किया था।

किंगफिशर सदर नशीन विजय मुलिया ने स्टाफ़ को 5 मई को जारी करदा(कीये गए ) ब्यान में कहा था कि उन्हें जनवरी की तनख़्वाह 9 मई को मिल जाएगी। गुज़शता माह(पीछ्ले महीने) भी किंगफिशर इंतेज़ामीया ने डीसम्बर की तनख़्वाहें 4 अप्रैल से लेकर 9 अप्रैल के दरमयान मरहला वार अदा करने का वाय‌दा किया, लेकिन चंद मुलाजिमीन को तनख़्वाह मिल गई और माबक़ी (दूसरों)को 24 अप्रैल को तनख़्वाह अदा की गई।

किंगफिशर एयरलाईंस के स्टाफ़ बशुमुल(जिन में) पाइलेटों और इंजीनियरों ने गुज़शता हफ़्ता(पीछ्ले हफते) कहा था कि वो लेबर कोर्ट से रुजू होंगे ताकि वो मुदाख़िलत करते हुए(बिच मे आकर) बक़ायाजात की अदायगी(बाकि रकम के अदा करने को) यक़ीनी बना सके। किंगफिशर एयरलाईंस को तक़रीबन(लग भग) एक साल से माली बोहरान का साम्ना(परेशानीयों में ) है। साल 2010-11-में उसे 1027 करोड़ रुपया ख़सारा हुआ और इस का क़र्ज़ बढ़ कर 7,057.08 करोड़ रुपया तक पहुंच गया है।