एलेप्पो में शासन बलों पर हत्या, बलात्कार, शव जलाने का आरोप

सरिया के शासन बलों ने विरोधी को हटाने के साथ साथ पूर्वी एलेप्पो की सड़कों पर कथित तौर पर सार्वजनिक सामूहिक हत्याओं, योन उत्पीड़न को अंजाम दिया है साथ ही शवों को जलाया भी है।

विद्रोही समर्थक स्थानीय मीडिया आउटलेट एलेप्पो24 ने मंगलवार को सूचना दी कि सैनिकों और समर्थक सेन्य बलों ने चार महिलाओं और नौ बच्चों को जिंदा जलाने समेत कम से कम 80 लोगों मार डाला है।

बीबीसी की खबर के मुताबिक यूएन के मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार उसके पास इस बात के पक्के सबूत हैं कि 82 नागरिकों देखते ही गोली मार दी गई है।

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि सीरिया की सरकारी सेनाएं पूर्वी एलेप्पो में लोगों के घरों में घुसकर उन्हें गोली मार रही हैं। इनमें 11 महिलाएं और 13 बच्चे भी शामिल हैं।

इसी बीच बच्चों के कल्याण के संबंधित संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा है कि एलेप्पो में ही एक इमारत में आग लग गई है जिसमें 100 के करीब बच्चे फंसे हो सकते हैं।

व्हाइट हेलमेट के प्रवक्ता इब्राहिम अबू लेइथ ने मंगलवार को दा न्यू अरब को बताया कि लड़ाकू विमानों ने प्रतिरोध के अंतिम ठिकानों पर बमबारी जारी रखी और कहा कि बचाव दल हमले की तीव्रता की वजह से मृतकों और घायलों तक पहुंचने में सक्षम नहीं थे।

अहरार अल शाम, सबसे शक्तिशाली इस्लामी विद्रोही गुटों में से एक, के प्रवक्ता ने ट्वीट करके चल रहे अत्याचार की तुलना 1995 के  स्रेब्रेनिका नरसंहार से की।

“एलेप्पो हमारे वक़्त का स्रेब्रेनिका है, उन सभी के हाथों पर खून है जिन्होंने इस अत्यचार को देखा लेकिन कुछ नहीं किया,” उन्होंने कहा।

शहर के कई कार्यकर्ताओं ने शासन बलों के करीब आने के बाद सोशल मीडिया पर दु:खद आखरी सलाम वाले विडियो पोस्ट किये हैं।

लीना शमी ने कहा, “यहाँ घिरे हुए शहर एलेप्पो में एक नरसंहार देख रहे हैं। यह शायद मेरा आखरी विडियो हो। असद के गैंग और उसकी समर्थक सेनाओं ने शहर पर कब्ज़ा कर लिया है और इनके कब्ज़े वाले इलाकों में 180 से ज्यादा लोगों को मार दिया गया है।”

पिछले चार साल से सीरिया का एलेप्पो बशर अल असद की सरकारी सेना और विद्रोहियों के बीच जंग का केंद्र बना हुआ है।