एश्टन कार्टर की मनोहर पर्रिकर से मुलाकात

नई दिल्ली: भारत और अमेरिका ने आज सैद्धांतिक दृष्टि(Theoretically) से रक्षा विनिमय समझौते से सहमत कर लिया जिससे दोनों देशों की सेना एक परिसंपत्ति और ठिकानों की मरम्मत और निर्माण में सहयोग करेंगी। इस मामले से पूर्व यूपीए सरकार सहमत नहीं था। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और भारत का दौरा करने वाले रक्षा अमेरिका एश्टन कार्टर ने स्पष्ट कर दिया कि इस समझौते पर अगले सप्ताह या महीनों में हस्ताक्षर किए जाएंगे।

हालांकि इसके तहत भारतीय जमीन पर अमेरिकी सैनिकों की तैनाती को उन्होंने खारिज कर दिया। भारत और अमेरिका दोनों ने शिपिंग की स्वतंत्रता पर जोर दिया। स्पष्ट रूप से यह दक्षिण चीन सागर को लेकर कहा गया है। साउथ ब्लॉक में दोनों देशों के प्रतिनिधियों के स्तर की बातचीत में नौसेना से नौसेना के सहयोग बढ़ाने पर और पनडुब्बी नावों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा किया गया| कार्टर ने कहा कि भारत और अमेरिका नए प्रोजेक्ट्स मामूली रक्षा व्यापार एवं प्रौद्योगिकी सहमति कर‌ चुके हैं।

हिंद। अमेरिका सैन्य आदान मनोहर पर्रिकर के मुताबिक दोनों देशों के संबंधों को गहरा बनाएंगे। पानाजी से मिली सूचना के मुताबिक रक्षा अमेरिका ने कहा कि भारत। अमेरिका संबंध ऐतिहासिक हैं। 70 साल तक आजाद हिंद के बाद इस प्रवृत्ति अमेरिका से सहयोग नहीं था।