एसेम्बली इंतिखाबात : रांची में कांटे की टक्कर

हॉट सीट रांची में अहम मुकाबला भाजपा के सीपी सिंह और झामुमो की डॉ. महुआ माजी के दरमियान हो सकता है। झाविमो के राजीव रंजन मिश्र और कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह इंतिखाबी दंगल को दिलचस्प बनाने में जुटे हैं। सीपी सिंह गुजिशता 20 साल से रांची का नुमायंदगी कर रहे हैं कारकुनान खासे नाराज़ भी है की दूसरे को मौका बीजेपी नहीं दे रहे हैं। इस बार उन्हें घेरने के लिए हर पार्टी जोर अाजमाइश कर रहा है।

भाजपा : सीपी सिंह

मुसलसल 20 साल से रांची सीट पर कब्जा है। मुसलसल नुमायंदगी के बाद भी शहर में बुनियादी सहूलतें दस्तयाब कराने में कामयाब नहीं रहे। भाजपा से दूसरे को मौका नहीं मिलने से पार्टी के कई कारकुनान नाराज, जो कर सकते हैं अंदरुरी सियासत।

झामुमो : डॉ. महुआ माजी

अदीब के शोबे में मुल्कभर में अपनी अलग पहचान कायम की। हेमंत हुकूमत में खातून कमीशन की सदर बनाई गईं। बंगाली तबके की पहली पसंद। इंतिख़ाब लड़ने का एक्सपीरिएन्स नहीं। अवामी मसलों के लिए रांची की सड़कों पर उतर कर कभी तहरीक नहीं किया। रांची में झामुमो का तंजीम खासा मजबूत नहीं है।

भकपा माले : नदीम खान

भकपा माले के उम्मीदवार नदीम खान जो तकरीबन 14 सालों से अवामी मसलों के हल के लिए मुस्लिम कॉमयूनिटी में जाने जाते हैं। अवामी मसलों के लिए सड़कों में उतर कर तहरीक करना इनका अहम काम जो वोटरों को लुभा सकते हैं। लेकिन वोटरों का बिखराव न हो। आवाम के दरमियान अच्छी पकड़ पर फिलहाल मुस्लिम और आदिवासी में ही।

झाविमो : राजीव रंजन मिश्र

हाल के दिनों में झाविमो ने रांची में तंजीम काफी मजबूत किया है। राजीव रंजन शुरू से तंजीम से जुड़े रहे। मुखतलिफ़ मजहबों और सामाजिक तंजीमो से जुड़े रहे हैं। स्टूडेंट यूनियन की सियासत में सरगर्म रहे। सियासत से जुड़े रहे, लेकिन इंतिख़ाब लड़ने का एक्सपीरिएन्स नहीं। कई एमएलए और सरगर्म कारकुनान के पार्टी छोड़ने की वजह से तंजीम की हालत कुछ कमजोर हुई।

खेल बिगाड़ सकती है कांग्रेस

कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह की रांची के कई इलाकों में मजबूत पकड़ है। मुसलसल तंजीम से जुड़े रहने और एक साबिक़ मरकज़ी वज़ीर का डाइरेक्ट हिमायत हासिल की वजह से वह कई उम्मीदवारों का खेल बिगाड़ सकते हैं। कांग्रेस का शहरी वोटरों के दरमियान रिवायती वोट बैंक है, जिसका फाइदा उन्हें मिल सकता है। मिशनरी और अगड़ी जाति के वोट भी कांग्रेस उम्मीदवार को मिलेंगे कुछ वोट अल्क्लीयतों का भी मिल सकता है।