एसेम्बली में जदयू-भाजपा अरकान में हाथापाई

कानून साज़ कॉन्सिल में जुमेरात को जम्हूरियत शर्मसार हो गया। जदयू और भाजपा के अरकान में हाथापाई हुई। बुरा भला कहे गए। 15 मिनट तक हंगामा और धक्कामुक्की हुई। बाद में मार्शल और कुछ दीगर मेंबरों ने बीच-बचाव किया। हुआ यूं कि भाजपा के वैद्यनाथ प्रसाद के सवाल पसमानदा और इंतेहाई पसमानदा तबके के तालिबे इल्म को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशीप के मामले पर इंचार्ज वज़ीर विजय चौधरी जवाब दे रहे थे। ओपोजीशन के लीडर सुशील कुमार मोदी सवाल कर रहे थे। इस दौरान वज़ीर महोदय कहा जाता है, लेकिन सुशील मोदी ने चौधरी जी कह दिया।

इस पर जदयू के संजय कुमार सिंह ने कहा-ओपोजीशन के लीडर को बार-बार सीट से उठने की बीमारी है। इसके बाद सुशील मोदी की कियादत में भाजपाई वेल में आ गए। नारेबाजी करने लगे। चेयरमैन ने एवान लंच तक मुल्तवी कर दिया। चेयरमैन के जाते ही भाजपा और जदयू के अरकान में तीखी बहस हाथापाई में बदल गई।

भाजपा के मंगल पांडेय, सत्येंद्र नारायण सिंह, सूरज नंदन प्रसाद, रजनीश कुमार, लाल बाबू प्रसाद व वैद्यनाथ प्रसाद जबकि जदयू की तरफ से रणवीर नंदन, सतीश कुमार और संजय कुमार सिंह ज़्यादा गुस्सा दिखे। भाजपा के नवल किशोर यादव, हरेंद्र प्रताप पांडेय, शहर तरक़्क़ी वज़ीर सम्राट चौधरी, पीएचइडी मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह, जदयू के मंजर आलम व राजद के मिश्री लाल यादव ने बीच-बचाव किया। भाजपा ने एवान की दूसरी शिफ्ट का बायकॉट किया।

क्या था मामला

भाजपा ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशीप रकम में कटौती का मुद्दा उठाया। इंचार्ज वज़ीर ने विजय चौधरी ने कहा कि 2012-13 में स्कॉलरशीप मद में 578 करोड़ में से 289 करोड़ मरकज़ से नहीं मिला। अब हम पूरी रकम की तक़सीम कर दोनों सालों की स्कॉलरशीप देंगे। सुशील मोदी ने कहा- 2011-12 में ज़्यादा से ज़्यादा एक लाख रुपए स्कॉलरशीप का तजवीज था। जो 2012-13 में 75 हजार, फिर अगले साल 15 हजार कर दिया। अब सरकारी कॉलेजों में सिर्फ फीस (यानी 5000 रुपए) सालाना मिलेंगे। यह पसमानदा और इंतेहाई तबके के तालिबे इल्म से धोखा है।

पूरा वाकया नीतीश के इशारे पर हुआ। सरकार को घिरता देख उन्होंने अपने अरकान को उकसाया। वज़ीर को चौधरी जी कहना गैर संसदीय ज़ुबान नहीं है। संजय सिंह हमेशा गलत ज़ुबान बोलते हैं। इसलिए हम वेल में गए।

सुशील मोदी, लीडर ओपोजीशन

जो हुआ वह जम्हूरियत को सियाह करने वाला है। मेरे ऊपर उकसाने का इल्ज़ाम लगा है। मुझे इससे ठेस पहुंचा हूं। अगर मैं मुजरिम हूं तो मुझे एवान में रहने का हक़ नहीं है। मुझे इंसाफ चाहिए।

नीतीश कुमार, साबिक़ वजीरे आला

भाजपा और जदयू दोनों की गलती है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। बच्चे एवान की कार्यवाही देखने आए थे। अरकान को संजीदगी से कार्यवाही में हिस्सा लेना चाहिए।

राबड़ी देवी, साबिक़ वजीरे आला