एस आई टी पर कलीदी गवाहों पर जरह से गुरेज़ का संजीव भट्ट का इल्ज़ाम

अहमदाबाद, ०७ जनवरी: (पी टी आई) सुप्रीम कोर्ट की मुक़र्रर करदा एस आई टी पर मुअत्तल आई पी एस ओहदादार संजीव भट्ट ने आज इल्ज़ाम आइद किया कि ऐस आई टी 27 फरवरी 2002 के मुनाक़िदा इजलास के कलीदी गवाहों पर जरह से गुरेज़ कर रही है।

ये इजलास चीफ़ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी की क़ियामगाह पर मुनाक़िद किया गया था। सदर नशीन एस आई टी आर के राघवन के नाम अपने मकतूब संजीव भट्ट ने ये भी इल्ज़ाम आइद किया कि एस आई टी उम्दन फ़सादाद से मुतास्सिरा ज़किया जाफरी की शिकायत को नज़रअंदाज कर रही है, जिस में उन्हों ने चीफ़ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी और दीगर को फ़सादाद में मुलव्वस क़रार दिया है।

ऐसा मालूम होता है कि एस आई टी किसी ग़ैर वाज़िह वजह की बिना पर उम्दन इंतिहाई अहम पहलोओं को नजरअंदाज़ कर रही है, जिन की तहक़ीक़ात पर ज़किया जाफरी की शिकायत के बाद तवज्जा दीनी चाहीए थी। ज़किया जाफरी ने 8 जून 2006 को शिकायत दर्ज करवाई थी।

उन्हों ने कहा कि इस का वाज़िह सबूत ये है कि ऐस आई टी गवाहों पर जरह करने से भी गुरेज़ कर रही है, जो चीफ़ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी की क़ियामगाह पर 27 फरवरी 2002 की रात देर गए मुनाक़िदा इजलास के बारे में अहम इन्किशाफ़ात कर सकते हैं।

गुज़श्ता साल अप्रैल में संजीव भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दाख़िल करते हुए दावा किया था कि वो मोदी के तलब करदा इजलास में मौजूद थे। इजलास में मोदी ने रियास्ती ओहदा दारों को हिदायत दी थी कि वो हिंदुओं को फ़सादाद में अपना ग़ुस्सा उतारने की इजाज़त दे दें।