एस एम एस शरहों में इज़ाफ़ा के ख़िलाफ़ मद्रास हाइकोर्ट की नोटिस

चेन्नई, ३० दिसम्बर: (एजेंसीज़) ईद और त्योहार के मौक़ा पर अज़ीज़-ओ-अका़रिब की जानिब से नेक तमन्नाओं के इज़हार का एक आसान तरीक़ा आज मोबाईल फ़ोन के ज़रीया एस एम एस का राबिता है।

चूँकि ख़ास अय्याम में एस एम एस के हुसूल-ओ-तरसील में अचानक इज़ाफ़ा होता है लिहाज़ा टेलीकॉम आपरेटर्स भी इस मौक़ा से फ़ायदा उठाते हुए इन दिनों एस एम एस की शरहों में इज़ाफ़ा करते हैं जिस के ख़िलाफ़ मद्रास हाइकोर्ट में दरख़ास्त दाख़िल की गई है जिस पर मद्रास हाइकोर्ट ने टेलीकॉम आपरेटर्स के ख़िलाफ़ एस एम एस की शरह में इज़ाफ़ा के ख़िलाफ़ नोटिस जारी की है।

ईद‍ व‍ त्योहार के मौक़ा पर एस एम एस की शरहों में इज़ाफ़ा के ख़िलाफ़ दरख़ास्त दाख़िल करते हुए कहा गया है कि सारिफ़ीन को इत्तिला दिए बगै़र टेलीकॉम ऑप्रेटर मनमानी फ़ीस वसूल करते हैं जोकि सारिफ़ीन के लिए ज़ाइद बोझ है।

मद्रास हाइकोर्ट की मदूराए बंच ने आज टेलीकॉम रैगूलेटरी अथॉरीटी आफ़ इंडिया (ट्राई) और दीगर टेलीकॉम आपरेटर्स के नाम नोटिस जारी करते हुए उन से फ़ैस्टीवल सीज़न में एस एम एस की शरहों में इज़ाफ़ा के मुताल्लिक़ तफ़सीलात तलब की हैं।
अरूणाचलम उर्फ़ अरूण ने दाख़िल करदा अपनी दरख़ास्त मैं मुतालिबा किया है कि फ़ैस्टीवल सीज़न में टेलीकॉम ऑप्रेटर एस एम एस की शरहों मैं सारिफ़ीन को इत्तिला दिए बगै़र इज़ाफ़ा करते हैं जोकि सारिफ़ीन पर त्योहार के मौक़ा पर ज़ाइद बोझ होता है।

एस राजीशोरन और एस वीमला पर मुश्तमिल डीवीजन बंच ने टेलीकॉम रैगूलेटरी अथॉरीटी आफ़ इंडिया के इलावा दीगर 10 टेलीकॉम फर्म्स को नोटिस जारी करते हुए 21 जनवरी को सुनवाई मुक़र्रर की है।