एस एम कृष्णा की ताजिक वज़ीर ख़ारिजा (विदेश मंत्री )से मुलाक़ात

एक उसे वक़्त जब अफ़्ग़ानिस्तान से अमरीकी अफ़्वाज की वापसी करीब पहूंच चुकी है । हिंदूस्तान इस जंग ज़दा मुल्क के पड़ोसियों के साथ अपने ताल्लुक़ात को मज़ीद मुस्तहकम बनाते हुए ख़ुद को सरगर्मी के साथ वस्त एशिया-ए-से मिर्बत करने की कोशिश कर रहा है ।

जिस के एक हिस्सा के तौर पर वज़ीर ख़ारिजा एस एम कृष्णा हिक्मत-ए-अमली के एतबार से कलीदी अहमियत के हामिल वस्त एशियाई मुलक ताजिकस्तान का दौरा कर रहे हैं जो गुज़श्ता 9 साल के दौरान किसी हिंदूस्तानी वज़ीर ख़ारिजा (विदेश मंत्री )का पहला दौरा भी है ।

मिस्टर कृष्णा ने इस दो रोज़ा दौरा के दौरान अपने मेज़बान हम मंसब हमरो ख़ां ज़रीफ़ी से मुलाक़ात के दौरान मुवासलाती निज़ाम की तामीर , तवानाई के शोबा में तआवुन(मदद) और दहश्तगर्दी से मुक़ाबला जैसे मौज़ूआत पर तफ़सीली तबादला ख़्याल क्या ।

इस दौरान दोनों मुल्कों ने अफ़्ग़ानिस्तान में इस के मुस्तहकम मुस्तक़बिल (भविष्य)के लिए सरमाया कारी करने की ज़रूरत से यकसाँ(बराबरी) तौर पर मुस्तक़बिल (सहमति) किया ।