एस सी तलबा को बैरून मुल्क आला तालीम, मुस्लिम तलबा को क्यों नहीं?

गरीब मुस्लिम ख़ानदानों से ताल्लुक़ रखने वाले तलबा तालिबात में हुसूले इल्म का शौक़ बढ़ता जा रहा है। जिस के नतीजे में ये लड़के लड़कियां मेडीसिन, इंजीनीयरिंग, फार्मेसी, नर्सिंग, बिज़नस मैनेजमेंट जैसे पेशावाराना कोर्सेस कर रहे हैं।

ख़ुशी की बात ये है कि ग़ुर्बत और इफ़लास का शिकार रहने के बावजूद इन तलबा ने तालीम को तरक़्क़ी के मनाज़िल तय करने की राह बना ली है। नतीजा में इन में से मुतअद्दिद तलबा को अमरीका बर्तानिया, ऑस्ट्रेलिया, कैनेडा की मुमताज़ यूनीवर्सिटीज़ में दाख़िले मिल चुके हैं लेकिन मुश्किल ये है कि उन के पास 10 ता 14 लाख रुपये फीस की अदाएगी तो दूर फ़िज़ाई किराया के लिए रक़म तक नहीं है जब कि उन के पासपोर्ट्स पर अमरीकी और दीगर ममालिक के वीज़े लग चुके हैं।

क़ारईन वाज़ेह रहे कि हिंदुस्तान में तालीमी और मआशी लिहाज़ से मुसलमान एस सी और एस टी से भी पसमांदा हैं अगर मुस्लिम तलबा को दर्ज फ़ेहरिस्त तबक़ात के तलबा के मुमासिल 10 लाख रुपये तालीमी इमदाद फ़राहम की जाए तो कई मुस्लिम ख़ानदानों की हालत सुधर सकती है। इस सिलसिले में हम ने मिल्लत की फ़िक्र रखने वाली चंद शख्सियतों से बात की।

मिल्ली मसाइल पर दोटूक अंदाज़ में ख़्यालात का इज़हार करने वाले मेजर कादरी ने कहा कि एस सी तलबा के मुमासिल होनहार मुस्लिम तलबा को भी बैरूनी ममालिक की जमिआत से आला तालीम हासिल करने के लिए तालीमी इमदाद दी जानी चाहीए।

उन्हों ने ये कहते हुए कि मुसलमान पहले ही से तालीमी और मआशी तौर पर काफ़ी पसमांदा हैं ये सवाल किया कि आख़िर मुस्लिम तलबा में काबिलियत के बावजूद उन्हें इस इमदाद से महरूम क्यों रखा जा रहा है।

जनाब तारिक़ कादरी ऐडवोकेट ने मज़ीद कहा कि अगर चीफ मिनिस्टर मुस्लिम तलबा के लिए 10 लाख रुपये माली इमदाद फ़राहम करने का एलान करते हैं तो ये मुस्लमानों के लिए मीलाद उन्नबी (सल.) के पुरमुसर्रत मौक़ा का एक तोहफ़ा होगा।