ऐटमी मंसूबे छोड़कर सद्दाम और क़ज्ज़ाफ़ी का क्या हश्र हुआ?

शुमाली कोरिया ने अपने ताज़ा तरीन ऐटमी तजुर्बे का दिफ़ा करते हुए अरब दुनिया के दो हुक्मरानों, इराक़ के सद्दाम हुसैन और लीबिया के मुअम्मर अल क़ज्ज़ाफ़ी का हवाला दिया है, जिनकी हुकूमतों का तख़्ता उलट दिया गया था और जो इबरतनाक अंजाम से दोचार हुए।

शुमाली कोरिया की सरकारी न्यूज़ एजैंसी KCNA की जानिब से जारी किए जाने वाले एक तबसरे के मुताबिक़ इराक़ के सद्दाम हुसैन और लीबिया के मुअम्मर अलक़ज्ज़ाफ़ी का जो हश्र हुआ, इस से वाज़ेह हो जाता है कि जब मुल़्क जौहरी हथियार हासिल करने की कोशिशें तर्क कर देते हैं तो उन के साथ क्या होता है।

जुनूबी कोरिया के दारुल हुकूमत सियोल से अपने एक जायज़े में न्यूज़ एजैंसी ए एफ़ पी ने लिखा है कि शुमाली कोरिया की जानिब से इस बयान के साथ साथ जुनूबी कोरिया को ख़बरदार किया गया है कि वो अपनी सरगर्मीयों से जज़ीरा नुमा कोरिया को जंग के दहाने पर लेकर जा रहा है।

वाज़ेह रहे कि शुमाली कोरिया की जानिब से गुज़िश्ता बुध के रोज़ ताज़ा जौहरी तजुर्बे के बाद से जुनूबी कोरिया ने दोनों हमसाया कोरीयाई रियासतों की बाहमी सरहद पर बड़े बड़े लाऊड स्पीकरों से बुलंद आवाज़ में प्रापेगंडा नशरियात का सिलसिला दोबारा शुरू कर दिया है।