तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तय्यिप एर्दोगान ने इस बार के चुनाव जीतकर दुनियाभर में अपनी छाप छोड़ दी है। एर्दोगान ने साबित कर दिया है उनकी इस चुनावी जीत से दुनियाभर में ख़ुशी की लहर है। सिर्फ मुस्लिम देशों में ही नहीं बल्कि गैर-मुस्लिम देशों में भी एर्दोगान की जीत का जश्न मनाया गया।
जानकारी के मुताबिक, एक तरफ जहाँ पाकिस्तान ने चहेते नेता एर्दोगान की तारीफ की। अब भारत में एर्दोगान के जीत का जश्न मनाया गया। जैसा कि एर्दोगान ने सोमवार को तुर्की के राष्ट्रपति के रूप में लौटे। कार्यकारी शक्तियों के साथ सशस्त्र बने है। उन्हें उपमहाद्वीप में चीअरलीडर मिल गए। रविवार को ही एर्दोगान ने अपनी जीत का एलान किया।
पाकिस्तान ने एर्दोगान को बधाई की। पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि एर्दोगान जितने ज्यादा मजबूत होंगे, दुनिया में मुसलमानों का आवाज उतनी बुलंद होगी।
एर्दोगान मुसलमानों के हक में खड़े रहते है नज़र आ आते है। फलिस्तीन मुद्दे पर एर्दोगान हमेशा इजराइल और अमेरिका को चेतावनी देते आये है और अपना पूर्ण समर्थन फिलिस्तीनियों के लिए ज़ाहिर करते है।
वही भारत में मुस्लिम समुदाय के विभिन्न वर्गों ने एर्दोगान को उनकी ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई दी। यह तुर्की की बधाई सोशल मीडिया पर दी गयी।
मलयालम के सबसे बड़े दैनिक में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, जमात-ए-इस्लामी नियंत्रित ट्रस्ट द्वारा मध्यम मंगलवार को एर्दोगान की प्रशंसा की गयी।
एर्दोगान को लेकर एक आर्टिकल भी प्रकाशित किया गया। जिसका टाइटल – एर्दोगान: ” वह नेता जो तुर्की की नब्ज़ जानता है। एर्दोगान ने इंटरनेशनल मीडिया में सुर्खी बटोर रखी है। उन्हें मुस्लिम जगत का सबसे एह्तारीन और ताकतवर नेता माना जाता है।