तेलंगाना असेंबली के पहले इजलास में आज ऐवान की कार्रवाई को चालाने के सिलसिले में बरसरे इक़्तेदार पार्टी को कई दुशवारीयों का सामना करना पड़ा। कुर्सी-ए-सदारत पर नए स्पीकर और नातजुर्बा कार वुज़रा के सबब मुक़र्ररा वक़्त पर कार्रवाई ख़त्म करने में हुकूमत को दुशवारी हुई और चीफ़ मिनिस्टर चन्द्र शेखर राव को कई मरहलों पर काफ़ी बेचैन और ब्रहम देखा गया।
प्रोग्राम के मुताबिक़ चीफ़ मिनिस्टर की जानिब से 9 मुख़्तलिफ़ मौज़ूआत पर क़रारदादों की मंज़ूरी के बाद मुख़्तसर मुबाहिस के ज़रीए मंज़ूरी तय की गई थी क्योंकि 2 बजे दिन से कौंसिल के इजलास का आग़ाज़ होना था जहां चीफ़ मिनिस्टर की शिरकत ज़रूरी थी।
हुकूमत ने सदर नशीन क़ानूनसाज़ कौंसिल से ख़ाहिश की कि वो इजलास के आग़ाज़ में ताख़ीर करें ताकि असेंबली में सरकारी काम काज मुकम्मल कर लिया जाए। ताहम पोलावरम के मसअले पर अपोज़ीशन की जानिब से उठाए गए सवालात ने तनाज़ा की शक्ल अख़्तियार करली।
अपोज़ीशन अरकान के शोरो गुल के दौरान ही स्पीकर ने नदाई वोट से तमाम क़रारदादों को मंज़ूरी दी और ऐवान की कार्रवाई ग़ैर मुऐयना मुद्दत के लिए मुल्तवी करने का एलान कर दिया।
वज़ीरे फ़ाइनेन्स ई राजिंदर और वज़ीर उमूर मुक़न्निना हरीश राव बार बार कांग्रेस, तेलुगु देशम और बी जे पी के फ़्लोर लीडर्स से मुलाक़ात करते हुए कार्रवाई के जल्द इख़तेताम में तआवुन की ख़ाहिश करते देखे गए।