ऑनलाइन इंटरव्यू में मंसूबा बयान बिलकुल ग़लत:मुहम्मद पहलवान

हैदराबाद 18 मार्च: मुतनाज़ा ऑनलाइन इंटरव्यू मुक़द्दमा में मुहम्मद बिन उम्र याफ़ई अल-मारूफ़ मुहम्मद पहलवान ने ख़ुद को मंसूबा इंटरव्यू से लाताल्लुक़ क़रार दिया। अदालत में मुक़द्दमा की समाअत हुई और मुहम्मद पहलवान का बयान कलमबंद किया गया। जज के पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि ऑनलाइन इंटरव्यू में उनसे जो मंसूबा बयान जारी किया गया, वो बिलकुल्लिया ग़लत है और इस से उनका कोई ताल्लुक़ नहीं है।

उन्होंने ये भी कहा कि इस इंटरव्यू के बारे में जो बयानात कलमबंद करवाए हैं, वो भी ग़लत हैं। मुहम्मद पहलवान से मंसूब ऑनलाइन इंटरव्यू में कहा गया था कि अकबर ओवैसी रुकने असेंबली चंदरायनगुट्टा पर हमले के वक़्त वो (मुहम्मद पहलवान) वहां मौजूद होते तो सूरत-ए-हाल कुछ और होती थी। अदालत ने आइन्दा समाअत 24 मार्च को मुक़र्रर की है और वकील दिफ़ा सीनीयर ऐडवोकेट मुहम्मद मुज़फ़्फ़र उल्लाह ख़ां शफ़ाअत बेहस करेंगे। वाज़िह रहे कि 25 अप्रैल 2012 को ऑनलाइन न्यूज़ (बर्क़ न्यूज़) को दिए गए एक इंटरव्यू के बाद बंजारा हिलस में मुहम्मद पहलवान के ख़िलाफ़ एक मुक़द्दमा क्राईम नंबर 645/2012 दफ़ा 506 (धमकी देना) दर्ज किया था।

मुक़द्दमा की समाअत नामपली क्रीमिनल कोर्ट के तीसरे एडीशनल चीफ़ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के मीटिंग पर शुरू हुई थी जिसमें रुकने असेंबली चंदरायनगुट्टा अकबर ओवैसी ने अपना बयान कलमबंद करवाया था और बर्क़ न्यूज़ के नुमाइंदा मुज्तबा हुसैन और बंजारा हिलस पुलिस स्टेशन से वाबस्ता दो सब इंस्पेक्टरान ने भी अदालत में गवाही दी थी जिन पर ऐडवोकेट मुज़फ़्फ़र उल्लाह ख़ां शफ़ाअत ने जरह की थी।