दारुलहुकूमत में बने मकानों के होल्डिंग नंबर लेने के लिए मकान मालिकों को अब मुंसिपल कॉर्पोरेशन के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। कॉर्पोरेशन के बाबुओं की चिरौरी से भी लोगों को बड़ी राहत मिल जाएगी। एक अप्रैल से होल्डिंग नंबर जारी करने की अमल ऑनलाइन हो जाएगी। मकान का म्यूटेशन भी ऑनलाइन होगा। मुंसिपल कॉर्पोरेशन सीईओ प्रशांत कुमार ने बुध को कॉर्पोरेशन की आमदनी शाख और टैक्स कलेक्शन का काम कर रही कंपनी स्पैरो सॉफ्ट के ओहदेदारों के साथ बैठक कर इस निज़ाम को 31 मार्च तक लागू करने की हिदायत दिया।
सीईओ ने कहा कि मकान का म्यूटेशन कराने के लिए आम लोग काफी परेशान रहते हैं। होल्डिंग नंबर जारी करने की अमल भी काफी उलझी हुई है। इसे पूरी तरह ट्रांस्परेंट तरीके से लागू करने के लिए ऑनलाइन निज़ाम को लागू करने की जरूरत है। ऑनलाइन सिस्टम शुरू होने के बाद महज़ 15 दिनों में मकान मालिक को होल्डिंग नंबर मिल जाएगा।
होल्डिंग नंबर जारी करने की अमल ऑनलाइन होने से लोगों को कॉर्पोरेशन के चक्कर लगाने या गड़बड़ी होने की इमकान से आज़ादी मिलेगी। कॉर्पोरेशन में होल्डिंग नंबर लेने के लिए लोगों को तीन से दस हजार रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं। यह पूरी तरह के खत्म हो जाएगा। इससे बदउनवान पर रुकावट लगेगा। 15 दिनों के अंदर मुतल्लिक़ दरख्वास्त पर कार्रवाई नहीं होने की हालत में आमदनी शाख के ओहदेदार से लेकर टैक्स कलेक्टर जिम्मेवार होंगे। सबकी जवाबदेही तय होने की वजह से मुलाज़िमीन के लिए पब्लिक को बरगलाना आसान नहीं होगा। फर्जीवाड़ा कर होल्डिंग नंबर लेना आसान नहीं होगा। क्योंकि किसी भी मकान का होल्डिंग नंबर लेने के लिए दरख्वास्त को अपने खानदान की वंशावली बना कर देना होगा। वंशावली में जिनका नाम होगा, सभी को नोटिस भेज कर एतराज मांगी जाएगी। एतराज नहीं आने के बाद ही म्यूटेशन होगा।
काम तेजी से होगा
हर माह तकरीबन 300 दरख्वास्त होल्डिंग नंबर के लिए आते हैं। मैनुअल काम करने में मुलाज़िमीन को भी परेशानी होती है। ऑनलाइन सिस्टम से पब्लिक का काम तेजी से होगा।