ऑपरेशन के दौरान मारे गए सेना एवम पैरा मिलिट्री के जवानों को नहीं दी जा सकती शहादत की उपाधि- ग्रहमंत्रालय

मंगलवार को ग्रह मंत्रालय द्वारा बताया गया कि कार्रवाई के समय सुरक्षाकर्मी की मौत होने पर उसे शहीद की उपाधि नहीं दी जाती है. आगे उन्होंने बताया की शहीद शब्द पैरा मिलिट्री और भारतीय सेना के मारे गए जवानों के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा यह बात लोक सभा में मंगलवार को बताई गई। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि “रक्षा मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को बताया है कि अगर कोई जवान किसी ऑपरेशन के वक्त मारा जाता है तो उसके लिए शहीद जैसा शब्द सेना में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार केंद्रीय सशस्त्र बलों और असम राइफल्स के कर्मी भी अगर किसी अभियान या कार्रवाई में मारे जाते हैं तो ऐसे किसी शब्द का उल्लेख नहीं किया जाता है.

मारे गए जवानों को शहीद की उपाधि ना देने के पीछे मुख्य कारण यह है की पिलिस मैन्युअल एवम सेना कानून में इसका कोई प्रावधान नहीं है. जबकि ग्रह राज्यमंत्री का कहना है की मारे गए जवानों के परिवार, क़रीबी या रिश्तेदारों को नियमों के अनुसार पूरी पेंशन और एक अनुग्रह राशि दी जाती