वज़ीरे आज़म ऑस्ट्रेलिया टोनी ऐबट ने आज एक अहम बयान देते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलियाई शहरीयों को यक़ीनी तौर पर दी जाने वाली सज़ाए मौत से बचाने के लिए उन्हों ने हर मुम्किना इक़्देमात किए जिन्हें इंडोनेशिया में सज़ाए मौत दी जाने वाली है जिस के बारे में उन के वुक्ला का भी यही मानना है कि मुल्ज़िमीन के सज़ाए मौत से बचने के इमकानात मौहूम हैं।
एंड्रयू चान और मीवरनसु कुमारन नाम निहाद बाली नाइन नामी ड्रग्स की स्मगलिंग करने वाली टोली के रिंग लीडर्स हैं, ताहम वो अपनी क़ानूनी जंग हार चुके हैं जहां उन्हों ने अदालत से उन के केस पर नज़रसानी की दरख़ास्त की थी क्योंकि सज़ाए मौत पाना कोई नहीं चाहता।
इंडोनेशिया में सज़ाए मौत पर फायरिंग स्क्वाड के ज़रीए अमल आवरी की जाती है। यहां इस बात का तज़किरा भी ज़रूरी है कि उन्हें 2005 में इंडोनेशिया से बाहर ड्रग्स स्मगल करने की कोशिश में गिरफ़्तार कर लिया गया था और 2006 में सज़ाए मौत सुनाई गई थी।
फांसी के बाद ब्राज़ील और नीदरलैंड्स ने एहतेजाज करते हुए इंडोनेशिया से अपने एम्बैस्डर्स को वतन वापिस तलब कर लिया था।