ऑस्ट्रेलिया में तारीख़ साज़ हमजिंस परस्त शादी क़ानून मंसूख़

एक तारीख़ साज़ फ़ैसला में ऑस्ट्रेलिया की सुप्रीम कोर्ट ने आज मर्कज़ के हमजिंस परस्त शादी क़ानून को मंसूख़ कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मुत्तफ़िक़ा तौर पर फ़ैसला सुनाया कि हमजिंस परस्त शादी का क़ानून मर्कज़ी शादी क़ानून से मुतसादिम है जिस में 2004 में तरमीम की गई थी और शादी की तारीख़ का ताऐयुन एक मर्द और एक औरत के दरमयान शादी को क़रार दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट में ये फ़ैसला मर्कज़ी हुकूमत की जानिब से ऑस्ट्रेलिया के दारुल हुकूमत के इलाक़ाई क़ानून को चैलेंज करते हुए पेश की हुई दरख़ास्त पर सुनाया गया। इलाक़ाई क़ानून कैनबरा और इस के मज़ाफ़ाती इलाक़ों में हमजिंस परस्तों की शादी को जायज़ क़रार देता है।

अदालत ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के शादी क़ानून का मक़सद एक ही सिम्त के जोड़ों की शादी को एक मर्द और एक औरत की शादी के मुसावी क़रार देना नहीं है बल्कि सिर्फ़ क़ानूनी तौर पर इस रिश्ता को तस्लीम करना है और मर्कज़ी क़ानून में शादी के जिस रिश्ता को तस्लीम किया गया है और उस की इजाज़त दी गई है वो इलाक़ाई क़ानून से यक्सर मुख़्तलिफ़ है।