ओबला पूरम माइनिंग कंपनी एस्क़ाम राजगोपाल की ज़मानत मंसूख़

हैदराबाद 27 दिसमबर ( एन ऐस ऐस ) आंधरा प्रदेश हाइकोर्ट ने आंधरा प्रदेश मनीरल डीवलपमनट कारपोरेशन के साबिक़ नायब सदर नशीन-ओ-मनीजिंग डायरैक्टर वि डी राजगोपाल को सी बी आई की ख़ुसूसी अदालत की जानिब से दी गई ज़मानत को मुस्तर्द करदिया है । राजगोपाल भी ओबलापोरम माइनिंग कंपनी मुक़द्दमा में एक अहम मुल्ज़िम हैं ।

सी बी आई की ख़ुसूसी अदालत के ख़िलाफ़ इस क़ौमी तहक़ीक़ाती इदारे के इस्तिग़ासा की तरफ़ से चयालनज करते हुए पेश करदा दरख़ास्त पर जस्टिस एन आर ईल नागेश्वर रावने अपने फ़ैसला का ऐलान किया । सी बी आई ने ओबला पोरम माइनिंग कंपनी को ख़ाम लोहे की कानकनी की इजाज़त दिलाने के लिए अहम रोल अदा किया था ।

सी बी आई के वकील ने अपनी दरख़ास्त में ये इस्तिदलाल पेश किया था कि तहक़ीक़ात चूँकि कलीदी मरहला में दाख़िल होचुकी है चुनांचे उन की दरख़ास्त ज़मानत मंसूख़ की जानी चाहीए क्योंकि अगर वो ज़मानत पर रहा होते हैं तो वो अपने असर-ओ-रसूख़ इस्तिमाल करसकते हैं और गवाहों को डरा धमका सकते हैं ।