ओबामा की चीनी सदर से मुलाक़ात मआशी उमूर पर तबादला-ए-ख़्याल कशीदगी कम करने की कोशिश

बाली २० नवंबर ( ए पी ) सदर अमरीका बारक ओबामा और चीन के सदर वैन जयाबाव् की आज यहां बाली में आसियान चोटी कान्फ़्रैंस के मौक़ा पर हैरतअंगेज़ मुलाक़ात हुई । इस दौरान दोनों आलमी ताक़तों के माबैन तनाज़आत का बाइस बनने वाले मआशी उमूर पर तबादला-ए-ख़्याल किया गया ।

इन दोनों क़ाइदीन की ये मुलाक़ात पहले से तए शूदा सिफ़ारती कोशिशों का नतीजा नहीं थी बल्कि उसे अचानक ही तए किया गया ताकि दोनों क़ाइदीन अपनी बातचीत को आगे बढ़ा सकें। वाईट हाउस् के क़ौमी सलामती मुशीर मिस्टर टॉम डोनीलान ने इस मुलाक़ात के बाद अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि अमरीका के चीन के साथ ताल्लुक़ात काफ़ी पेचीदा और एहमीयत के हामिल भी हैं।

उन्हों ने कहा कि हमारे मआशी मसाइल हैं और आलमी शरह तरक़्क़ी में चीन की मसनूआत की भी काफ़ी एहमीयत है इस में करंसी और दीगर पालिसी उमूर भी शामिल हैं। उन्हों ने बताया कि मिस्टर ओबामा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि चीन अपनी करंसी की शरह को बेहतर बनाए ।

अमरीका का मानना है कि चीन की करंसी की शरह बहुत ही कम है । उन के बमूजब मिस्टर ओबामा और वैन जयाबाव् ने जुनूबी चीन के साहिल से मुताल्लिक़ इलाक़ाई तनाज़आत पर भी मुलाक़ात के आख़िरी लमहात में तबदाला ख़्याल किया है । मिस्टर डोनीलान ने दोनों ताक़तों के माबैन कशीदगी को एहमीयत देने की कोशिश नहीं की और कहा कि दोनों मुल्कों ने कई अहम उमूर पर इत्तिफ़ाक़ राय भी किया है ।

ये मुलाक़ात मिस्टर ओबामा के एशिया पेसेफिक इलाक़ा के नौ रोज़ा दौरा के आख़िरी मरहला में हुई ।
इस दौरा में उन्हों ने इलाक़ा में अमरीका की मौजूदगी पर ज़्यादा ज़ोर दिया है और आस्ट्रेलिया में एक मैरीन टास्क फ़ोर्स का क़ियाम भी अमल में लाया है । इस टास्क फ़ोर्स के क़ियाम को चीन के ख़िलाफ़ एक अड्डा के तौर पर देखा जा रहा है ।

मिस्टर वैन जयाबाव् से ओबामा की मुलाक़ात के नतीजा में अमरीका की नज़र में चीन की एहमीयत ज़ाहिर होती है क्योंकि मिस्टर ओबामा ने गुज़शता हफ़्ता ही हवाई में चीन के सदर होजनताव् से मुलाक़ात की थी । मुलाक़ात के इबतदा-ए-में सिर्फ फोटोग्राफर्स और एक वीडीयो ग्राफ़र को ही वहां दाख़िला की इजाज़त दी गई जबकि दोनों क़ाइदीन के माबैन मुख़्तसर सी बातचीत हुई ।

चीन के सरकारी ख़बररसां इदारे ज़नावा ने बताया कि एशिया पर अमरीका की हालिया तवज्जा की वजह से चीन को बे इतमीनानी ज़रूर हुई है लेकिन वो ख़ौफ़ज़दा नहीं है । ख़बररसां इदारा का कहना है कि चीन और एशिया के दूसरे ममालिक ने कभी भी ये खिया नहीं किया था कि अमरीका एशिया पेसेफिक आलक़ा को छोड़ दिया है और उन ममालिक ने कभी भी अमरीका को यहां से निकाल बाहर करने की कोशिश भी नहीं की थी । इदारा का कहना है कि एशिया पर अमरीका की ख़ास तवज्जा से कई सवाल पैदा होते हैं।

कहा गया है कि अमरीका कुछ एशियाई ममालिक को अपने साथ मिलाना चाहता है जिस की मिसाल हाल ही में मियांमार से अमरीका की क़ुरबत से मिलती है ।