इस्लामिक स्टेट को तबाह कर देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि जो भी आतंकी संगठन अमेरिका के लोगों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, अमेरिका उसे नष्ट कर देगा। हालांकि ओबामा ने अफगानिस्तान और इराक की तरह व्यापक स्तर पर जमीनी सेनाएं भेजने की संभावनाओं को खारिज कर दिया।
व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस से राष्ट्र के नाम दिए गए दुर्लभ संबोधन में ओबामा ने कहा कि आईएसआईएस को नष्ट करने की उनकी रणनीति को अमेरिकी सेना के कमांडरों और आतंकवाद रोधी विशेषज्ञों ने तैयार किया है। इस रणनीति को अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल 65 देशों का समर्थन प्राप्त है।
ओबामा ने कहा कि आतंकवाद का खतरा वास्तविक है लेकिन अमेरिका इससे निपट लेगा। उन्होंने कहा, हम आईएसआईएल (आईएसआईएस का अन्य नाम) और हर उस संगठन को नष्ट कर देंगे, जो हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा।
ओबामा ने कहा, ‘हमारी सफलता तीखी बातचीत या हमारे मूल्यों को छोड़ देने या डर कर हार मान लेने पर निर्भर नहीं करेगी। आईएसआईएल जैसे समूह ऐसा होने की ही उम्मीद लगा रहे हैं। लेकिन इसके बजाय, हम मजबूत और समझदार, पुन: वापस उठने वाले और कठोर बनकर प्रबल साबित होंगे। इसके लिए हम अमेरिकी शक्ति के हर पहलू से लाभ लेंगे।’
अपने भाषण में ओबामा ने जमीनी स्तर पर बड़ी संख्या में सैनिकों को भेजने की बात से इंकार कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘हमें एक बार फिर इराक या सीरिया में जमीनी स्तर की लंबी और महंगी लड़ाई में नहीं उतरना चाहिए। आईएसआईएल जैसे समूह यही चाहते हैं। वे जानते हैं कि वे युद्ध के मैदान में हमें हरा नहीं सकते। आईएसआईएल के लड़ाके उस उग्रवाद का हिस्सा थे, जिसका सामना हमने इराक में किया।’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘लेकिन वे यह भी जानते हैं कि यदि हम विदेशी जमीनों पर नियंत्रण कर लेते हैं तो वे वर्षों तक उग्रवाद को बनाए रख सकते हैं, हमारे हजारों सैनिकों को मार सकते हैं और हमारे संसाधनों को नष्ट कर सकते हैं और हमारी मौजूदगी का इस्तेमाल नई भर्तियां करने के लिए कर सकते हैं।’
ओबामा ने कहा, ‘अभी हम हवाई हमलों, विशेष बलों और अपने देश में वापस नियंत्रण हासिल करने के लिए लड़ रहे स्थानीय बलों के साथ मिलकर काम करने की जिस रणनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसी के जरिए हम एक स्थायी जीत हासिल करेंगे। इसके लिए हमें अमेरिकी नागरिकों की एक नई पीढ़ी को एक और दशक के लिए लड़ने और मरने के लिए विदेशी धरती पर भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।’
पिछले सात साल के कार्यकाल में ओवल ऑफिस से यह ओबामा का महज तीसरा भाषण था। पिछले दो संबोधन वर्ष 2010 में दिए गए थे। उनमें डीपवॉटर होराइजन में तेल का रिसाव और इराक में लड़ाकू अभियानों के अंत की बात कही गई थी।
ओबामा ने कहा कि जिस भी देश में जरूरी होगा, वहां अमेरिका आतंकी षड़यंत्रकारियों को मार गिराना जारी रखेगा। उन्होंने कहा, इराक और सीरिया में हवाई हमले आईएसआईएल के नेताओं, भारी हथियारों, तेल के टैंकरों और इनके बुनियादी ढांचों को नष्ट कर रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘पेरिस में हमलों के बाद से, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन समेत हमारे करीबी सहयोगियों ने हमारे सैन्य अभियान में अपने योगदान बढ़ा दिए हैं, जो कि आईएसआईएल को हराने के हमारे प्रयास को गति देने में मददगार साबित होगा।’
उन्होंने कहा, दूसरे, हम जमीनी स्तर पर आईएसआईएल से लड़ रहे इराकी और सीरियाई बलों के हजारों सैनिकों को प्रशिक्षण और उपकरण देना जारी रखेंगे ताकि हम आतंकियों की शरणस्थलों को नष्ट कर दें।
ओबामा ने कहा कि दोनों ही देशों में अमेरिका विशेष अभियान बलों को तैनात कर रहा है जो कि इस आक्रमण को तेज कर सकते हैं। हमने पेरिस में हमलों के बाद से इस प्रयास को और तेज कर दिया है और हम जमीनी स्तर पर कारगर साबित होने वाले तरीकों में और अधिक निवेश जारी रखेंगे।
तीसरे, हम अपने सहयोगियों और मित्रों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि आईएसआईएल के अभियानों को रोका जा सके, उनकी योजनाओं को नष्ट किया जा सके, उन्हें मिलने वाली वित्तीय मदद को खत्म किया जा सके और उन्हें अधिक लड़ाके भर्ती करने से रोका जा सके।
उन्होंने कहा, और हम अपनी रणनीति को लगातार परखते रहते हैं ताकि अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए जरूरी कदम इसमें जोड़े जा सकें।