नई दिल्ली
हिन्दुस्तान और अमरीका के दरमियान कई शोबों में बाहमी तआवुन और तारीख़ साज़ सियोल न्यूक्लियर मुआहिदे पर अमल आवरी समझा जाता है कि सदर कांग्रेस सोनिया गांधी और साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह की सदर अमरीका बारक ओबामा से मुलाक़ात का मौज़ू था।
दिफ़ाई उमूर के मसाइल के वसीअ हलक़े पर तबादले ख़्याल किया गया जैसे इराक़ और शाम में दौलते इस्लामिया का ख़तरा और दोनों फ़रीक़ैन के मुशतर्का असासाजात और अंदेशे इस मुलाक़ात की गुफ़्तगु का अहम मौज़ू थे। नायब सदर कांग्रेस राहुल गांधी और साबिक़ वज़ीर-ए-तिजारत आनंद शर्मा भी कांग्रेस के वफ़द में शामिल थे जिस ने सदर अमरीका और ख़ातून अव्वल अमरीका से आई टी सी मौर्या होटल में मुलाक़ात की जहां अमरीका का ये जोड़ा मुक़ीम था।
साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म ने समझा जाता है कि सब को साथ लेकर चलने और पायदार तरक़्क़ी की एहमियत पर ज़ोर दिया और कहा कि हिन्दुस्तान जैसे मुल्क में जहां अवाम की कसीर तादाद मौजूद हैं इस्लाहात का अंदाज़ इंसानी होना चाहिए। समझा जाता है कि साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने हिन्दुस्तान और अमरीका के दरमियान क़रीबी मआशी शराकतदारी की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के वफ़द की ओबामा से मुलाक़ात इंतेहाई मुसबत और दोनों फ़रीक़ैन ने बाहमी ,इलाक़ाई और बैन-उल-अक़वामी सतह पर बाहमी तआवुन के कई मसाइल पर तबादले ख़्याल किया।