ओलम्पिक्स के लिए डबल्स में भूपति – पेस की जोड़ी टेनिस एसोसीएसन का ऐलान

लंदन ओलम्पिक़्स के लिए हिंदूस्तानी टेनिस टीम का ऐलान कर दिया गया है और लेडर पेस-ओ-महेश भूपति मेन्स डबल्स मुक़ाबलों में हिंदूस्तान की नुमाइंदगी ( प्रतिनिधित्व) करेंगे ।

आल इंडिया टेनिस एसोसीएसन के सदर मिस्टर अनील खन्ना ने आज ये ऐलान किया ताहम अब ये ऐलान एक तनाज़ा की शक्ल इख्तेयार कर गया है क्योंकि महेश भूपति ने लेडर पेस के साथ खेलने से इनकार कर दिया है और कहा कि अगर उनकी पार्टनरशिप लेडर के साथ बनाई गई थी तो वो लंदन ओलम्पिक़्स के लिए दस्तयाब नहीं हैं।

टेनिस एसोसीएसन के सदर मिस्टर खन्ना ने कहा कि भूपति । पेस की जोड़ी लंदन ओलम्पिक़्स में हिस्सा लेगी जिसका मतलब ये है कि रोहन बोपन्ना को मौक़ा नहीं मिलेगा। मिस्टर खन्ना ने कहा कि ये फैसला सेलेक्शन कमेटी के इजलास ( सभा/ Meeting) के बाद किया गया है और इस से क़बल तमाम तीनों खिलाड़ियों से टेली कान्फ्रेंस की गई थी ।

ताहम महेश भूपति ने इस इद्दिआ ( दावा) की तरदीद की है और उन्होंने लंदन ओलम्पिक़्स में मेन्स डबल्स में पेस के साथ जोड़ी बनाए जाने पर मायूसी का इज़हार किया है । उन्होंने एक अंग्रेज़ी टी वी चैनल से बात चीत करते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही टेनिस एसोसिएसन से कह दिया था कि अगर लेडर पेस के साथ उनकी जोड़ी बनाई जाती है तो वो ओलम्पिक़्स के लिए दस्तयाब नहीं होंगे ।

वो गुज़शता नवंबर से पेस से बात चीत भी नहीं कर रहे हैं। टेनिस एसोसीएसन ने दोनों के इख्तेलाफ़ात के बावजूद उन्हें टीम की शक्ल में लंदन भेजने का फैसला किया है । सेलेक्टर्स का कहना था कि वो मयारी टीम पर तवज्जा दे रहे हैं और ज़्यादा खिलाड़ियों की बजाय कामयाबी हासिल करने वाली जोड़ी को लंदन भेजना चाहते हैं।

भूपति ने ताहम आल इंडिया टेनिस एसोसीएसन पर तन्क़ीद की और कहा कि एसोसीएसन उन्हें मनफ़ी अंदाज़ में पेश करना चाहती है । वो पहले ही एसोसीएसन को अपनी राय से वाक़िफ़ करवा चुके थे लेकिन उनके फैसले से ज़ाहिर हो गया कि इनकी राय को कोई अहमियत नहीं दी गई ।

वो पहले ही दो मर्तबा ओलम्पिक़्स में मायूसकुन मुज़ाहरा कर चुके हैं और तीसरी मर्तबा ऐसा नहीं चाहते । भूपति ने रोहन बोपन्ना को ख़ारिज किए जाने के फैसले को गैर मुंसिफ़ाना ( न्यायपूर्ण) क़रार दिया और कहा कि रोहन और ख़ुद उनकी जोड़ी बेहतरीन जोड़ी होती और वो दोनों ही टेनिस एसोसीएसन को इस बात से वाक़िफ़ भी करवा चुके थे ।

रोहन बोपन्ना और महेश भूपति ने एक मुशतर्का बयान भी जारी किया है जिस में उन्होंने टेनिस एसोसीएसन के फैसले की मुज़म्मत की है और कहा कि एसोसीएसन ने ओलम्पिक़्स के लिए बेहतरीन टीम को रवाना करने का फैसला नहीं किया उस की बजाय एक ऐसी टीम को नामज़द किया है जो चार मर्तबा नाकाम रही है ।

दोनों ने कहा कि एसोसीएसन ने इस तरह से क़ौमी मुफ़ादात का ख़्याल नहीं रखा है । कहा गया है कि हिंदूस्तान को इस टूर्नामेंट में दो टीमों को भेजने का हक़ था लेकिन सिर्फ एक टीम रवाना करने का फैसला करते हुए दूसरे बेहतरीन और बा सलाहियत खिलाड़ियों को ओलम्पिक़्स में मुल़्क की नुमाइंदगी से महरूम कर दिया गया है ।

उन्होंने इसे हिंदूस्तानी टेनिस के लिए अफ़सोस का दिन क़रार दिया । उन्होंने कहा कि 21 जून तक वक़्त टीमों के ऐलान के लिए है और उन्हें उम्मीद है कि इस क़तई तारीख से क़बल टेनिस एसोसीएसन के फैसले में तबदीली आएगी । बोपन्ना और भूपति ने कहा कि उन्होंने एक से ज़ाइद मर्तबा टेनिस एसोसीएसन से कहा था कि इन्हें जोड़ी के तौर पर ग़ौर किया जाए ।

दोनों की जोड़ी आलमी टेनिस में बेहतरीन मुज़ाहरा कर रही है इस के बावजूद एसोसीएसन ने इस नुमाइंदगी को नज़रअंदाज कर दिया है जो मुनासिब नहीं है । एसोसीएसन को अपने फैसले पर नज़र-ए-सानी (पुन: विचार) करनी चाहीए।