ओलम्पिक्स में हमारी टीम मज़बूत होगी : सानिया

ग्रांड सलाम टाइटल की फ़तह का ये वक़्त सानिया मिर्ज़ा के लिए इससे बेहतर नहीं हो सकता था क्योंकि वो लंदन ओलम्पिक्स में वाईल्ड कार्ड हासिल करने के लिए काफ़ी जद्द-ओ-जहद से दो-चार हैं , जबकि ये ओलंपियाड ऐन मुम्किन है उनके लिए ओलम्पिक मेडल विनर बनने का आख़िरी मौक़ा है ।

इंडियन वूमेन्स टेनिस की पर्चम बर्दार सानिया अपने हिंदूस्तानी साथी महेश भूपति के साथ मिलकर कल रात अपनी दूसरी ग्रांड सलाम ट्रॉफ़ी जीती । जबकि फ़्रैंच ओपन के मशक़्क़त तलब किले कोर्टस पर इस तरह की कामयाबी के लिए जिस्मानी तौर पर काफ़ी आज़माईश से गुज़रना पड़ता है ।

ऐसे वक़्त जबकि तमाम नेशनल एसोसीएशन छः दस्तयाब वाईल्ड कार्ड्स के लिए अपने खिलाड़ियों के मुआमले को आई टी एफ के पास परज़ोर अंदाज़ में उठायेंगे , ये जीत सानिया के लिए बिलकुल्लिया सही मौक़ा पर आई है । क्योंकि वो डबल्स में रैंकिंगस की अक़ल्ल तरीन हद तक पहूंचने में नाकाम हुई हैं।

ताहम अब उनपर एतिमाद हैं कि भूपति जिन के खाते में अब 12 ग्रांड सलाम ट्रॉफ़ीयाँ हो चुकी हैं, उन के साथ जोड़ी लंदन ईवंट में तमग़ा जीतने के लिए ताक़तवर रहेगी । सानिया ने पेरिस से पी टी आई को बताया कि टेनिस में हर दिन नया दिन होता है लेकिन हम ने साबित कर दिया है कि हमें किसी भी टूर्नामेंट में शिकस्त देना आसान नहीं है ।

सानिया को ये एहसास भी है कि इस कामयाबी ने लंदन गेम्स के लिए जिसकी शुरूआत अवाख़िर जुलाई में हो रही है । उन्होंने कहा , मैं समझती हूँ फ़्रैंच ओपेन टाइटल जीतना बजाय ख़ुद एक कारनामा है । हम ने फिर एक बार दिखा दिया है कि हम एक मज़बूत टीम है । मैं ओलम्पिक़्स में वाईल्ड कार्ड के ताल्लुक़ से पर उम्मीद हूँ ।