ओलम्पिक मेडल का हुसूल असल मक़सद: दीपीका कुमारी

जमशेदपुर, ३० जनवरी ( पी टी आई ) ये एतराफ़ करते हुए कि निशाना बाज़ी में इन का फ़ार्म और कारकर्दगी इत्मीनान बख़श नहीं है मुल़्क की सफ़ अव्वल की तीर अंदाज़ दीपीका कुमारी ने कहा कि वो अपने फ़ार्म में बेहतरी लाने की कोशिश कर रही हैं ताकि लंदन में होने वाले ओलम्पिक्स में मुल्क के लिए कोई मेडल जीत सकें। वर्ल्ड कप में सिलवर मेडल जीतने वाली 18 साला दीपीका कुमारी ने कहा कि वो फ़िलहाल अपने बहतरीन फ़ार्म में नहीं हैं और अपने फ़ार्म में बेहतरी लाने की कोशिश कर रही हैं।

वो 32 वीं से नर नेशनल आरचरी चैम्पियन शिप में जो जमशेदपुर में मुनाक़िद हुए इन्फ़िरादी ज़मुरा में ओलम्पिक राउंड की चैम्पियन क़रार पाई हैं। उन्होंने इन मुक़ाबलों में स्टील प्लांट स्पोर्टस बोर्ड की नुमाइंदगी की और रेलवे स्पोर्टस प्रोमोशन बोर्ड की अल बोमबालया देवी को पीछे छोड़ते हुए शानदार कामयाबी हासिल की । दोनों ही ताहम लंदन ओलम्पिक्स के लिए क्वालीफ़ाई कर चुकी हैं।

दीपीका कुमारी ने कहा कि वो अपनी निशाना बाज़ी पर तवज्जा मर्कूज़ कर रही हैं और प्वाईंटस पर उन की कोई तवज्जा नहीं है ।

उन्होंने अपने मक़सद की कामयाबी केलिए जद्द-ओ-जहद तेज़ कर दी है । जुलाई । अगसट में होने वाले ओलम्पिक खेलों में मेडल के हुसूल का यक़ीन ज़ाहिर करते हुए उन्हों ने कहा कि वो ओलम्पिक्स तक फ़ार्म को बेहतर से बेहतर बनाने सख़्त मेहनत कर रही हैं। दौलत-ए-मुश्तरका खेलों में उन्हों ने दो गोल्ड मेडल जीते थे । उन्हें यक़ीन है कि वो लंदन में मेडल जीत पाएंगी और उन की सख़्त मेहनत रंग लाएगी जो वो ओलम्पिक्स के आग़ाज़ तक जारी रखेंगी ।

उन्होंने कहा कि वो अपने एकेडेमी के साथी जयेंता तालुकदार के साथ फ़बरोरी में कोरिया का दौरा करेंगी ताकि वहां जुनूबी कोरिया के कोच लिम चाय वोंग की निगरानी में ख़ुसूसी ट्रेनिंग हासिल कर सकें । ये कैंप 35 रोज़ा होगा ताकि उन की सलाहियतों में मज़ीद निखार पैदा किया जा सके ।

उन्होंने कहा कि वो ट्रेनिंग के ज़रीया इन्फ़िरादी मुक़ाबलों में गोल्ड मेडल के हुसूल पर ही तवज्जा मर्कूज़ रखेंगी और कैंप के दौरान सख़्त मेहनत करेंगी ।