ओवैसी अपने बयान पर कायम

साबिक वज़ीर ए आज़म अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न और लालकृष्ण आडवाणी को पद्मविभूषण पर सवाल उठाने वाले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने भारत रत्न जैसे शहरी एज़ाज़ से मुताल्लिक नियमों पर बहस और शफ्फाफियत की मांग कर डाले है। आपको बता दें कि ओवैसी की इस मांग पर बीजेपी बौखलाई हुई है और माफी की मांग कर रही है।

ओवैसी ने मंगल के रोज कहा कि, ‘मैंने कल जो बात कही थी, उससे ज्यादा मैं और कुछ नहीं कहना चाहूंगा। बड़ा सवाल यह है कि मुस्तकबिल में इतने बड़े एजाज के लिए नए नियम बनाए जाएं। यह मुल्क के लिए ठीक होगा।’

इससे पहले ओवैसी ने पीर के रोज़ मरकज़ की नरेंद्र मोदी की हुकूमत पर निशाना साधते हुए बीजेपी के बड़े लीडरों अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी को बड़े शहरी एज़ाज़ दिए जाने पर एतराज जताया था।

साबिक पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न दिए जाने पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा था कि बाबरी मस्जिद गिराए जाने के पीछे उनका भी हाथ था। ओवैसी ने कहा कि वाजपेयी को भारत रत्न दिया गया। क्या हम भूल गए कि 5 दिसंबर की अपनी तकरीर में वाजपेयी ने कहा था कि जमीन को बराबर करना पड़ेगा।

यह विडियो आज भी यू-ट्यूब पर मौजूद है। जिस वाजपेयी ने कहा था कि क्या कल हम पत्थरों के ऊपर बैठेंगे। पत्थरों को साफ करके जमीन पर बैठेंगे। आज ऐसे शख्स को भारत रत्न अवॉर्ड दिया गया है। हम इस हुकूमत से इंसाफ की उम्मीद नहीं कर सकते।

साबिक नायब पीएम लालकृष्ण आडवाणी को पद्मविभूषण दिए जाने पर भी ओवैसी ने तब्सिरा किया किया था । ओवैसी ने कहा था कि आडवाणी को पद्म विभूषण के अवॉर्ड से नवाजा गया है। वह शख्स जिसने रथयात्रा के जरिये पूरे हिंदुस्तान में तबाही और बर्बादी मचाई।

आज मोदी की सरकार उन्हें पद्मविभूषण के अवॉर्ड से नवाज़ रही है। उन पर आज भी मुजरिमाना मामले दर्ज हैं।