ओवैस क़त्ल :पुलिस पर सियासी दबाव‌ में इज़ाफ़ा

लंगर हउज़ पुलिस स्टेशन हदूद में 2 दिन पहले हुए एक सियासी क़त्ल की पुलिस तहक़ीक़ात सियासी दबाव‌ का शिकार होजाने के इल्ज़ामात को तक़वियत पहुंच रही है।

ओवैस नामी नौजवान के क़त्ल पर पुलिस की इबतिदाई तहक़ीक़ात का ज़ावीया ये था कि क़त्ल की वजूहात सियासी हैं और इस ख़सूस में एक मख़सूस सियासी पार्टी से ताल्लुक़ रखने वाले नौजवान पर शुबा का इज़हार करते हुए पुलिस के तहक़ीक़ाती ओहदेदारों ने ये इशारा दिया था कि अनक़रीब उनकी गिरफ़्तारी अमल में आएगी।

सियासी वफ़ादारी तबदील करने का मक़्तूल ने चंद दिन पहले ही सोश्यल मीडीया पर एलान किया था और हलक़ा असेंबली नामपली के ताक़तवर कांग्रेस क़ाइद फेरोज़ ख़ान के साथ अपने ग्रुप के साथ काम करने का अज़म ज़ाहिर किया था।

मगर अचानक हालात तबदील होगए और मक़्तूल के अरकाने ख़ानदान ने ना जाने किन मजबूरीयों के तहत अपना मौक़िफ़ तबदील करलिया।

बताया जाता है के इस क़त्ल की तहक़ीक़ात का भी रुख़ तबदील किया जा रहा है और सियासी दबाव‌ के नतीजे में अब पुलिस उसे एक सियासी क़त्ल क़रार देने की बजाये ये बावर करवाने की कोशिश कररही है कि क़त्ल की असल वजह सियासी मुख़ासमत नहीं थी बल्कि ये केस एक लड़की के गर्द घूमता है।

बताया जाता है कि इस ख़सूस में पुलिस के आला ओहदेदारों से भी कई सियासी क़ाइदीन राबिता क़ायम किए हुए हैं और तहक़ीक़ात पर असरअंदाज़ होने की कोशिश कररहे हैं।

अगरचे क़त्ल के और पुलिस ओहदेदारों के बयान के मुताबिक़ सियासी मुख़ासमत क़त्ल की वजह थी और इस ख़सूस में मुख़ालिफ़ सियासी ग्रुप के चंद नौजवानों के शामिल् होने का भी इशारा दिया गया था।

हती कि एफ़ आई आर में भी एक नौजवान पर इल्ज़ाम आइद किया गया था जो एक मख़सूस सियासी पार्टी से वाबस्ता है। पुलिस ने इस क़त्ल केस में मुबय्यना तौर पर 5 अफ़राद को हिरासत में तो ले लिया है लेकिन उनकी तफ़तीश नामालूम मुक़ाम पर की जा रही है और तफ़तीश के दौरान हुए इन्किशाफ़ात को इंतेहाई खु़फ़ीया तौर पर रखा जा रहा है।

पुलिस के आला ज़राए ने बताया कि मुहम्मद ओवैस को क़त्ल करने के लिए पहले से ही मंसूबा तैयार किया गया था और इस बात की इत्तेला शहर के एक बड़े शहरी को थी।

पुलिस क़त्ल केस में कलीदी मुल्ज़िमीन को गिरफ़्तार करने की कोशिश कररही है लेकिन मुबय्यना सियासी सरपरस्ती के बाइस क़ातिलों का पता लगाने में नाकाम होरही है। ज़राए ने ये भी बताया कि साज़गार हालात में ही कलीदी मुल्ज़िमीन को पुलिस के रूबरू ख़ुद सपुर्द किए जाने की इत्तेला है। इस मुक़द्दमा में तहक़ीक़ाती ओहदेदार पस-ओ-पेश का शिकार हैं।