ओहदे देने पर ही जोश-ओ-जज़बा पैदा होगा

जनगवें 27 मई: कारपोरेशन और बोर्ड के नामज़द ख़ाली ओहदों पर तक़र्रुत का अमल शुरू होगया। चीफ़ मिनिस्टर ने महिला कमीशन , एससी, एसटी कमीशन के चैरमैन के अलावा दुसरे नामज़द ओहदों पर तक़र्रुत का सिलसिला शुरू किया है।

जबके एक अरसा-ए-दराज़ से उर्दू एकेडेमी चैरमैन , अकलियती मालीयाती कारपोरेशन चैरमैन का ओहदा ख़ाली है। इस तरफ़ क्यों किसी की नज़र नहीं दिखाई दे रही है।

रोज़ाना अख़बारात में दुसरे ओहदों का ज़िक्र होरहा है। उर्दू एकेडेमी और अकलियती फाइनैंस कारपोरेशन के ओहदों से कई एक मुसलमानों को मवाक़े फ़राहम होंगे।

डायरेक्टरस के ओहदे हासिल होंगे। हर ज़िला सतह से नुमाइंदगी देते हुए अकलियती क़ाइदीन को मौक़ा दें। जिन अकलियती क़ाइदीन को ओहदे हासिल हुए हैं वो लोग इन ओहदों की भर्ती के लिए दबाव‌ डालें और कांग्रेस के अकलियती क़ाइदीन को नामज़द ओहदे दिलाएं।

रियास्ती चीफ़ मिनिस्टर जल्द से जल्द उर्दू एकेडेमी और अकलियती मालीयाती कारपोरेशन के चैरमैन के ओहदों पर तक़र्रुत अमल में लाएंगे।

चीफ़ मिनिस्टर ने अकलियती कमीशन के चैरमैन के लिए आबिद रसूल ख़ां का तक़र्रुर किया है काबिल मुबारकबाद है। इसी तरह दुसरे अकलियती क़ाइदीन को हर ज़िला सतह से मौक़ा दें तो आइन्दा चुनाव में ये लोग जोश और जज़बे के साथ काम करेंगे।