रियासत में ओक़ाफ़ी ज़मीनात के तहफ़्फ़ुज़ के सिलसिले में हुकूमत तेलंगाना ने वक़्फ़ रिकार्ड को रेवेन्यू रिकार्ड से हासिल करने पर तवज्जा की है।
वक़्फ़ रिकार्ड को रेवेन्यू रिकार्ड से हम आहंग करते हुए ओक़ाफ़ी ज़मीनात का पता चलाया जा सकता है, जिस के बाद उनके तहफ़्फ़ुज़ और तरक़्क़ी में हुकूमत को मदद मिलेगी। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर-ओ-वज़ीर माल मुहम्मद महमूद अली ने सेक्रेटरी अक़लियती बहबूद अहमद नदीम और वक़्फ़ बोर्ड के ओहदेदारों के साथ इस मसले पर जायज़ा मीटिंग मुनाक़िद किया।
उन्होंने ओहदेदारों से कहा कि वो ओक़ाफ़ी ज़मीनात के सर्वे की तकमील पर तवज्जा करें। उन्होंने कहा कि रेवेन्यू और वक़्फ़ रिकार्ड को बेहतर बनाते हुए कई अहम ओक़ाफ़ी जायदादों का तहफ़्फ़ुज़ किया जा सकता है जिन पर हुकूमत और वक़्फ़ बोर्ड दोनों अपनी अपनी दावेदारी पेश कररहे हैं।
उन्होंने कहा कि वक़्फ़ सर्वे की तकमील के ज़रीये ही तेलंगाना में ओक़ाफ़ी जायदादों और ज़मीनात का ताय्युन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस काम की तकमील के लिए हुकूमत तमाम ज़रूरी फ़ंडज़ और स्टाफ़ फ़राहम करने तैय्यार है।
उन्होंने वक़्फ़ बोर्ड की तक़सीम के सिलसिले में शुरू किए गए इक़दामात के बारे में भी मालूमात हासिल कीं। उन्होंने बतायाकि चीफ़ मिनिस्टर जिन के पास महिकमा अक़लियती बहबूद का क़लमदान है वो चाहते हैंके महिकमा माल के ताल मेल के ज़रीये ओक़ाफ़ी जायदादों और ज़मीनात के सर्वे का काम मुकम्मिल किया जाये।
उन्होंने कहा कि ओक़ाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के सिलसिले में ज़िला कलेक्टरस को भी ज़रूरी हिदायात जारी की जाएंगी। उन्होंने बताया कि ग़ैर मजाज़ क़ब्ज़ों की बरख़ास्तगी हुकूमत की अव्वलीन तर्जीह है।
डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने महिकमा अक़लियती बहबूद के ओहदेदारों से कहा कि वो अक़लियती इदारों की तक़सीम का अमल जलद मुकम्मिल करलीं ताके तेलंगाना के इदारों की बेहतर कारकर्दगी को यक़ीनी बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि तमाम जारीया इस्कीमात पर बेहतर अमल आवरी ओहदेदारों की ज़िम्मेदारी है और बहुत जल्द वो इस्कीमात के सिलसिले में जायज़ा मीटिंग तलब करेंगे।
उन्होंने बताया कि रमज़ान उल-मुबारक के दौरान तेलंगाना के अज़ला में मसाजिद और ईदगाहों की आहक पाशी और ज़रूरी मरम्मति कामों के सिलसिले में जो रक़म मुख़तस की गई थी इस में 30 लाख रुपये अभी तक ज़िला कलेक्टरस को जारी करदिए गए हैं।
ज़िला कलेक्टरस की तरफ् से तजावीज़ रवाना करने के बाद ये रक़म जारी की गई। ज़िला कलेक्टर की निगरानी में मसाजिद में तामीर-ओ-मरम्मत का काम अंजाम दिया जाएगा और रक़म के बेजा इस्तेमाल की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।