ओ आई सी का इजलास , शाह अब्दुल्लाह की जानिब से मुस्लिम ममालिक ( देश) मदऊ ( आमंत्रित)

सऊदी अरब के शाह अब्दुल्लाह ने सदर-ए-पाकिस्तान आसिफ़ अली ज़रदारी समेत मुस्लिम दुनिया के सरबराहान को 27 रमज़ान उल-मुबारक (4अगस्त) को इस्लामी कान्फ्रेंस तंज़ीम के ग़ैरमामूली इजलास में शिरकत के लिए दो रोज़ा दौरे की दावत दी है।

इजलास में मुस्लिम ममालिक को दरपेश ख़तरात पर बात होगी और इससे मुस्लिम ममालिक के रहनुमाओं को मुस्लिम उम्मा के मुफ़ादात ( फायदे) के लिए मुख़्तलिफ़ उमूर ( मसले/ समस्याओ) पर बहस का मौक़ा मिलेगा। सिफ़ारती ज़राए के मुताबिक़ इजलास में पाकिस्तान के मसाइल ( समस्याओं) को आलमी रहनुमाओं के सामने पेश करने का मौक़ा मिलेगा।

अफ़्ग़ान मसले पर भी बहस मुतवक़्क़े ( कि उम्मीद) है । पाकिस्तान में मुतय्यन सऊदी सफ़ीर इस वक़्त रियाद में मौजूद हैं और इजलास को हतमी ( सही / निश्चित) शक्ल देने के हवाले से आला सतह के मुज़ाकरात में मसरूफ़ हैं। सऊदी सफ़ीर को उम्मीद है कि इजलास के नतीजे में मुस्लिम ममालिक के मसाइल को उजागर करने में भरपूर मदद मिलेगी ये ओ आई सी का 12 वां इजलास होगा।

इजलास के हवाले से शामी सदर बशर अल असद और ईरानी सदर महमूद अहमदी नज़ाद का रद्द‍ ए‍ अमल ( प्रतिक्रिया) दिलचस्प होगा। अहमदी नज़ाद ने मक्का में 2005 में होने वाले इजलास में शिरकत की थी। इजलास में 57 रुकनी तंज़ीम के लिए 10 साला ऐक्शन प्लान मुरत्तिब किया गया था। शाह अबदुल्लाह ने इजलास में शिरकत के लिए तंज़ीम के रुकन ( सदस्य) ममालिक ( देशो) को दावत नामे भेजना शुरू कर दिए हैं।

ख़्याल किया जाता है कि इजलास में बड़े पैमाने पर मुस्लिम ममालिक के नुमाइंदे शिरकत करेंगे।