औरंगाबाद। राजस्थान के अलवर में गौ रक्षकों के कथित मारपीट में पहलू खान की मौत के खिलाफ औरंगाबाद में विरोध धरना दिया गया है। मुस्लिम प्रतिनिधि परिषद के बैनर तले डिविज़नल कमिश्नर ऑफिस के सामने दिए गए धरने में दर्जनों संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अवसर पर मांस के व्यापारियों को लाइसेंसी हथियार रखने की अनुमति देने की मांग भी की गई।
न्यूज़ 18 के अनुसार औरंगाबाद में धूप की तीव्रता के बावजूद शहर के युवा अलवर हत्याकांड की निंदा के लिए डिविज़नल कमिश्नर ऑफिस के सामने एकत्र हुए। इस एक दिवसीय धरने का आयोजन औरंगाबाद की कई मिलली और सामाजिक संगठनों की संघीय मुस्लिम प्रतिनिधि परिषद ने किया था। इस अवसर पर मांस व्यापार की आड़ में अल्पसंख्यकों और दलितों पर हो रहे हमलों की निंदा की गई।
मुस्लिम प्रतिनिधि परिषद के कार्यकारी अधयक्ष का कहना है कि पिछले दो वर्षों में गाय के नाम पर अब तक 18 लोगों को संदेह के आधार पर मारा जा चुका है। इस अवसर पर डिविज़नल कमिश्नर के माध्यम से ग्रहमंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र भेजा गया, जिस पर गौरक्षकों पर प्रतिबंध लगाने, पशु व्यवसाय से जुड़े लोगों को लाइसेंसी हथियार देने और अलवर घटना के दोषियों को सख्त सज़ा देने की मांग शामिल है।
विरोध धरने में सरकार की दोहरी नीति की आलोचना की गई और पुलिस की चुप्पी को देश की लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए खतरनाक बताया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने देश में भाईचारा की बरक़रारी के लिए सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ संयुक्त आंदोलन चलाने पर जोर दिया, और पहलू खान केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग की गई।