स्पेशल ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड शेख मुहम्मद इक़बाल आई पी एस ने एतराफ़ किया कि औक़ाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के सिलसिले में सयासी मुदाख़िलत भी अहम रुकावट साबित हो रही है। अगर अवामी नुमाइंदे औक़ाफ़ी मुआमलात में हुक्काम पर अपने असर और रसूख़ का इस्तेमाल ना करें तो रियासत में गैर मजाज़ क़ब्ज़ों का तदारुक मुम्किन है।
ॅ अख़्बारी नुमाइंदों से बात-चीत के दौरान शेख मुहम्मद इक़बाल ने अवामी नुमाइंदों को भी मश्वरा दिया कि वो औक़ाफ़ी मुआमलात में वक़्फ़ बोर्ड या फिर ज़िला हुक्काम की कार्रवाई में मुदाख़िलत ना करें।
उन्हों ने कहा कि ज़िला कलेक्टर्स से इस बात की ख़ाहिश की जाएगी कि वो ज़िला के अवामी नुमाइंदों के साथ इजलास मुनाक़िद करते हुए औक़ाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ में तआवुन की अपील करें।
उन्हों ने कहा कि अगर सयासी क़ाइदीन और अवामी नुमाइंदे ये तय करलें कि औक़ाफ़ी उमूर में मुदाख़िलत नहीं करेंगे तो वक़्फ़ बोर्ड नाजायज़ क़ब्ज़ों की बर्ख़ास्तगी में बड़ी हद तक कामयाब होगा।
अवाम बराहे रास्त वेब साईट पर अपनी शिकायात दर्ज करा सकते हैं। उन्हों ने बताया कि कुल हिंद सनअती नुमाइश में 4 जनवरी को उर्दू अकेडमी के स्टाल का आग़ाज़ होगा जिस में तमाम अक़लीयती इदारों की स्कीमात से मुताल्लिक़ मवाद मौजूद रहेगा।