औक़ाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के लिए साबिक़ ओहदेदारों की ख़िदमात का हुसूल

तेलंगाना में औक़ाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के लिए मोअस्सर इक़दामात और क़ाबज़ीन के ख़िलाफ़ वक़्फ़ ऐक्ट के मुताबिक़ फ़ौजदारी कार्रवाई के लिए वक़्फ़ बोर्ड ने बाअज़ साबिक़ ओहदेदारों की ख़िदमात हासिल की हैं।

अगर्चे वक़्फ़ बोर्ड से वज़ीफ़ा पर सुबुकदोश होने वाले ओहदेदारों की ख़िदमात दोबारा हासिल करने पर तनाज़ा पैदा हो गया ताहम वक़्फ़ बोर्ड हुक्काम को यक़ीन है कि इन साबिक़ ओहदेदारों की बोर्ड के अंदरूनी मुआमलात में कोई मुदाख़िलत नहीं रहेगी और उन के बारे में किसी भी शिकायत की सूरत में ख़िदमात फ़ौरी ख़त्म करदी जाएंगी।

साबिक़ में जिन ओहदेदारों की कारकर्दगी के सिलसिले में मुख़्तलिफ़ शिकायात थीं उन की ख़िदमात हासिल करने पर मुख़्तलिफ़ गोशों में तशवीश का इज़हार किया जा रहा है।

बताया जाता है कि ये फ़ैसला अगर्चे हुकूमत की मंज़ूरी से लिया गया ताहम हुकूमत को इन ओहदेदारों की साबिक़ा सरगर्मीयों का इल्म नहीं। दो रिटायर्ड डिप्टी सेक्रेट्रीज़ को छः माह के लिए माहाना 25 हज़ार रुपये पर कांट्रैक्ट पर रखा गया है।

इस के इलावा एक और महकमा के रिटायर्ड ओहदेदार को कांट्रैक्ट बुनियाद पर एग्ज़ीक्यूटिव ऑफीसर की हैसियत से मामूर किया गया है। हालिया अर्सा में हैदराबाद, करीमनगर और महबूबनगर में इस तरह की शिकायात मिलने पर वक़्फ़ बोर्ड ने किरायादारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई का आग़ाज़ किया।