औक़ाफ़ी जायदादों से कम किराया, ऐवान कमेटी का इज़हारे तशवीश

शहर के मर्कज़ी मुक़ामात पर वाक़े औक़ाफ़ी जायदादों के कम किरायों पर ऐवान की कमेटी ने तशवीश का इज़हार किया और मार्केट वैल्यू के मुताबिक़ औक़ाफ़ी जायदादों के किरायों में इज़ाफ़ा की तजवीज़ पेश की।

औक़ाफ़ से मुताल्लिक़ ऐवान की कमेटी ने आज पुराने शहर में मक्का मदीना अलाउद्दीन वक़्फ़ और नबी ख़ाना मौलवी अकबर के तहत मौजूद औक़ाफ़ी जायदादों और इस के तहत मौजूद मलगियात का मुआइना किया।

कमेटी को ये जान कर हैरत हुई कि इस मसरूफ़ तरीन इलाक़े की औक़ाफ़ी जायदादों का किराया ना सिर्फ मामूली बल्कि बराए नाम है जबकि इसी इलाक़ा में दीगर ख़ान्गी मलगियात का किराया 30 ता 40 हज़ार रुपये है।

कमेटी ने इस सिलसिले में औक़ाफ़ी जायदादों के किराएदारों से बातचीत की और उन्हें इस बात के लिए राज़ी किया कि वो किरायों में इज़ाफ़ा करें ताकि वक़्फ़ बोर्ड की आमदनी में इज़ाफ़ा हो और ये रक़म जायदादों के मंशाए वक़्फ़ के मुताबिक़ ख़र्च की जा सके।

ऐवान की कमेटी बराए वक़्फ़ के सदर नशीन बाजी रेड्डी गवर्धन और अरकान मुहम्मद फ़ारूक़ हुसैन, आमिर शकील और वेंकटेश्वर रेड्डी ने सेक्रेट्री अक़लीयती बहबूद सैयद उमर जलील, डायरेक्टर अक़लीयती बहबूद जलाल उद्दीन अकबर और दीगर आला ओहदेदारों के साथ इन औक़ाफ़ी जायदादों का मुआइना किया।
ओहदेदारों ने कहा कि उनका मक़सद दरमयानी अफ़राद के रोल को ख़त्म करना और वक़्फ़ बोर्ड की आमदनी में इज़ाफ़ा करना है।