जमशेदपुर में मुकर्रिर कई अफसर रिहाइशगाह का किराया नहीं दे रहे हैं। इतना ही नहीं दूसरी जगह ट्रांसफर हो जाने के बाद भी रिहाइशगाह नहीं छोड़ रहे हैं और न ही किराया दे रहे हैं।
कई अफसर तो रिटाइर्ड भी हो गये हैं। इस वजह कई रिहाइशगाहों का किराया तौविल है। इसे टाटा स्टील की यूनिट जमशेदपुर यूटिलिटी एंड सर्विस कंपनी लिमिटेड ने संजीदगी से लिया है। कंपनी डीजीएम ने लेबर महकमा को खत लिखा है। कहा है कि सरकारी अफसरों की तरफ से किराये की अदायगी नहीं किया जा रहा है।
मालूम हो कि इन रिहाइशगाहों में बिजली और पानी की सप्लाय कंपनी की तरफ से की जाती है। वहां मुक़ामी सतह पर काम कर रहे अफसरों और मुलाज़मीन को कंपनी की तरफ से रिहाइश फराहम कराये गये हैं। बदले में अफसरों और मुलाज़मीन को किराये की अदायगी करना था। डीजीएम ने लिखा है कि अफसरों का ट्रांसफर हो रहा है और वे बिना किराया अदायगी के जा रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्हें एलपीसी भी दे दिया जा रहा है, जो संगीन बात है।