प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती और ना ही अमीरी और गरीबी में फर्क देखती है। कठिन परिश्रम और लगन से पढ़ाई करने वाले छात्र अपनी मंजिल पा लेते हैं। ऐसा ही एक छात्र ने मेडिकल परीक्षा में सफलता प्राप्त कर अपने प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है।
मध्य प्रदेश के देवास जिले के विजयागंज मंडी के प्लास्टिक बीनने वाले रंजीत चौधरी के बेटे आशाराम ने एम्स की परीक्षा पास कर इतिहास रचा है। छात्र की इस सफलता पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पत्र लिखकर बधाई दी है।
राहुल गांधी ने पत्र में लिखा कि आपकी कड़ी मेहनत और त्याग ने महात्मा गांधी की याद दिला दी। जिन्होंने कहा था कि शक्ति शारीरिक गतिविधियों से नहीं आती बल्कि दृढय इच्छाशक्ति से आती है।
आप पर हम सभी को गर्व है। आपसे दूसरे बच्चों को भी प्रेरणा मिलेगी। पत्र में कहा गया, “मुझे पता है कि सभी चुनौतियों के बावजूद आप एक अच्छी रैंक हासिल करने में सक्षम थे।
आशाराम की इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ना सिर्फ छात्र को बधाई दी थी बल्कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने यह भी ऐलान किया है कि सरकार एम्स की फीस भी माफ करेगी और छात्र के परिवार को घर और शौचालय भी बना कर देगी
गौरतलब है कि आशाराम बेहद ही गरीब परिवार का छात्र है। उसके पास पढ़ने के लिए ना तो घर है और नहीं बिजली। आशाराम लालटेन में पढ़ाई कर एम्स की परीक्षा पास की है।
जिला प्रशासन से मिली आर्थिक मदद के बाद आशाराम ने कहा कि मुझे जोधपुर तक जाने सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए 15 हजार रुपए की जरूरत थी, लेकिन कलेक्टर की ओर 25 हजार रुपए का चेक मिलने के बाद जरूरतें पूरी हो गई।
साथ ही मेरी पढ़ाई का खर्च शासन के द्वारा उठाया जाएगा, जिससे मुझे अतिरिक्त रुपए की जरूरत नहीं पड़ेगी। आशाराम का कहना है कि मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद गांवों में आकर सेवा करूंगा।