नई दिल्ली, 24 अप्रैल: हिंदी सिनेमा में कालजयी गाने “मेरे पिया गये रंगून” और ‘कजरा मुहब्बत वाला” जैसे गीतों को अपनी आवाज देने वाली ग्लूकारा शमशाद बेगम का 94 साल की उम्र में इंतेकाल हो गया।
शमशाद बेगम पिछले कुछ अर्से से बीमार थीं। उनकी खिदमत उनकी बेटी कर रही थी। मंगल की रात मुंबई में उनका इंतेकाल हुआ।
शमशाद बेगम की पैदाइश 14 अप्रैल 1919 को पंजाब के अमृतसर में हुई थी । लाहौर के पेशावर रेडियो पर 16 दिसंबर 1947 को पहली मरतबा उनकी आवाज दुनिया के सामने आयी, जिसके जादू ने लोगों को उनका मद्दाह बना दिया।
साल 1955 में शौहर गणपत लाल बट्टो के इंतेकाल के बाद से शमशाद मुंबई में अपनी बेटी उषा रात्रा और दामाद के साथ रह रही थीं।
शमशाद बेगम के तरफ से गाये मशहूर नगमो में ‘कभी आर कभी पार’, ‘कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना’, ‘सइयां दिल में आना रे’, ‘बूझ मेरा क्या नाम रे’ और ‘छोड़ बाबुल का घर’ शामिल हैं।
सीआईडी में गाया उनका मशहूर नगमा ‘लेके पहला−पहला प्यार’ काफी मशहूर हुआ। ‘पूछ मेरा क्या नाम रे’, ‘नदी किनारे गांव रे’ जैसे गीतों के लिए वह अब भी याद रखी जाती हैं।