देवघर। RSS के मुखिया मोहन भागवत ने राम मंदिर पर एक बार फिर बयान दिया है। मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के बावजूद माहौल को बिगाड़ने के लिए इस तरह के बयान दिये जाते रहे हैं। मोहन भागवत ने दावा किया कि मुस्लिम और ईसाई राम मंदिर के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि इनके नाम पर राजनीति करने वाले कट्टरपंथी और गुंडागर्दी करने वाले राम मंदिर नहीं बनने देना चाहते हैं।
सवाल यह है कि आखिर ये गुंडागर्दी कौन करता है? जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो इस मुद्दे पर इस तरह के बयान क्यों। देवघर के सारठ में आयोजित हिंदू समागम में भागवत ने कहा कि राम मंदिर हम वहीं चाहते हैं, जहां भगवान राम का जन्म हुआ था। वाशिंगटन या दूसरी जगह पर नहीं चाहते। उन्होंने सवाल उठाया कि इसके लिए हम लोगों को लड़ना क्यों पड़ रहा है?
मोहन भागवत ने कहा कि एकसाथ मिलकर चलें यही हिंदुस्तान की विशेषता है। सबको साथ लेकर चलने की सीख भारत देता है। उन्होंने कहा कि हिंदू किसी की तौहीन नहीं करता, लेकिन उसकी उदारता व भोलेपन का फायदा उठा लिया जाता है। हिंदू समाज को ऐसा बनाना होगा कि वह न तो भय दिखाए और न ही भय खाए।