वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ चरमपंथ के कारण उपजी चुनौतियों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने इस मुद्दे से निपटने के लिए नागरिक समाज और अल्पसंख्यक समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया।
ओबामा प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने चरमपंथ के उभार को लेकर और इस चुनौती से निपटने के लिए सभी देशों के मिलकर काम करने की जरूरत पर व्यापक एवं गंभीर बातचीत की।
अधिकारी ने कहा कि दोनों नेताओं ने इस मुद्दे से निपटने के लिए नागरिक समाज और अल्पसंख्यक समुदायों की पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने की जरूरत को भी रेखांकित किया।
अधिकारियों ने कहा कि हालांकि भारत में मानवाधिकारों या धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर कोई विशेष चर्चा नहीं हुई।
भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा, ‘‘नहीं, मुझे नहीं लगता कि यह मुद्दा आज चर्चाओं में उठाया गया।’’ इसी बीच, टॉम लैंटोस मानवाधिकार आयोग ने भारत में मानवाधिकारों की मौजूदा स्थिति पर, मौलिक स्वतंत्रता के सामने उपजी चुनौतियों और उनके बढ़ सकने के अवसरों की पड़ताल के लिए एक सुनवाई आयोजित की।
आयोग के समक्ष बयान देते हुए कई विशेषज्ञों ने भारत में मानवाधिकारों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की।
(भाषा)