कठुआ गैंगरेप के आरोपी की दलील, मैं अभी नाबालिग हूं, मुझ पर रहम किया जाए

मंगलवार को मामले में जस्टिस अविनाश जिंगन की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई है। इस दौरान जम्मू-कश्मीर सरकार की तरफ से कोई पेश नहीं हुआ। लिहाजा मामले की तारीख स्‍थगित कर दी गई है। अब इस मामले पर 13 अगस्‍त को सुनवाई होगी।
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर  कर  कहा है कि वो नाबालिग है और उसके मामले की सुनवाई जुवेनाइल कोर्ट में होनी चाहिए, लेकिन इससे पहले पठानकोट जिला और सत्र अदालत ने कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले में एक आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था जिसने आरोपी के किशोर होने का दावा किया था। स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर जेके चोपड़ा ने कहा था कि रिपोर्ट में उसकी उम्र 20 साल से ज्यादा है। ऐसे में नाबालिग पर बालिग की तरह केस चलेगा।
इस मामले में हाई कोर्ट ने यह मामला जम्मू कश्मीर का मानते हुए सबसे पहले यह तय करने का फैसला किया है कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में आता है कि नहीं।
इस मामले में हाई कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर गवर्नमेंट से जवाब तलब किया है। जम्मू कश्मीर सरकार  के जवाब के  बाद तय होगा कि क्या आरोपी की एप्लीकेशन पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट सुनवाई  कर सकता है या नहीं ।
ये था मामला
आपको बता दें कि 10 जनवरी 2018 को हीरानगर सब डिवीजन के रसाना गांव में आठ वर्षीय नाबालिग बच्ची का शव बरामद हुआ था। क्राइम ब्रांच के अनुसार बच्ची की सुनियोजित तरीके से अपहरण और हत्या की गई थी, जिसका मकसद क्राइम ब्रांच ने खानाबदोश जनजाति को क्षेत्र से पलायन के लिए मजबूर करना बताया था।
बाद  में यह मामला  शीर्ष अदालत चला गया था सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख्त चेतावनी देते हुए कहा था कि हमारी असल चिंता मामले की निष्पक्ष सुनवाई को लेकर है। बच्ची के पिता ने अपने परिवार, परिवार के एक मित्र और अपनी वकील की सुरक्षा के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। इसके बाद न्यायालय ने इन सभी को समुचित सुरक्षा प्रदान करने का आदेश पुलिस को दिया।