दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक लड़की का मदरसे के अंदर एक मौलवी के द्वारा कथित यौन शोषण के मामले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सवाल उठाया है।
उन्होंने कहा है कि मोहम्मद अली जिन्ना के समर्थक जब कठुआ गैंगरेप के मामले में सड़कों पर उतर जाते थे और मोमबत्तियां जलाते थे तो आज वह गीता के मामले को लेकर चुप क्यों हैं? गिरिराज ने कहा कि जिन्ना के समर्थक देश को बांटने की साजिश रच रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा वंदे मातरम राष्ट्रगीत का सम्मान नहीं करने को लेकर गिरिराज सिंह ने कहा कि उनकी मानसिकता भी एम आई एम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के जैसी है क्योंकि वह भी राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रगान का सम्मान नहीं करते हैं।
गिरिराज सिंह ने कहा कि इस देश को लोगों ने बांटने की पूरी साजिश बना ली है। कुछ लोग जिन्ना के प्रतिनिधि बनकर जब देश में कठुआ मामला होता है तो लोग उसमें धार्मिक संप्रदाय और धार्मिक उन्माद देखा जाता है और एक ही बार शहरों में लोग टी-शर्ट पहनकर दिखाई देते हैं।
उन्होंने कहा कि मगर लोगों के आंसू कहां गुम हो जाते हैं और उनके मोमबत्ती कहां गुम हो जाते हैं जब गीता नाम की एक लड़की का मदरसे में बलात्कार होता है। पता नहीं लोगों की जुबान क्यों बंद हो जाती है, ना बहस होती है और ना रोड पर निकलते हैं। यह देश के लिए घातक सूचक है।
गिरिराज ने कहा कि ऐसे लोग गलतफहमी में ना रहें कि उनकी जुबान तगड़ी जुबान है और बाकियों की चुप जुबान है। मैं निवेदन करना चाहूंगा जो जिन्ना के समर्थक है वह अपना समर्थन अपने अंदर रखें। भारत में उनके समर्थन के मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जैसे लोग जब राष्ट्रगीत या राष्ट्रगान बजता है तो बैठ जाते हैं। मुझे तो लगता है राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान की जो भावना एम आई एम मुखिया ओवैसी के अंदर दिखती है वही भावना मुझे राहुल गांधी के अंदर भी दिखती है।
असदुद्दीन ओवैसी कभी भी राष्ट्रीय गान का कभी सम्मान नहीं करते और मुझे आज के दिन असदुद्दीन ओवैसी और राहुल गांधी की मानसिकता में समानता दिख रही है।