कठुआ गैंगरेप हत्या: आरोपी चार पुलिस वालों को महबूबा सरकार ने किया बर्खास्त

पीडीपी और भाजपा की गठबंधन सरकार के टूटने का खतरा शनिवार को टल गया। पीडीपी के वरिष्ठ नेता और लोक कार्य मंत्री नईम अख्तर ने भी दावा किया कि दोनों दलों में मतभेद हल हो चुके हैं।

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की अध्यक्षता में शनिवार को श्रीनगर में उनके आवास पर हुई पीडीपी की कार्यकारिणी की बैठक हंगामेदार रही। पीडीपी के विधायकों ने भाजपा के दो मंत्रियों से इस्तीफे लेने पर मुख्यमंत्री का समर्थन किया व कहा कि अगर वह उचित समझें तो सरकार गिरा सकती हैं।

बैठक में पीडीपी विधायकों ने कहा कि अगर वह (महबूबा) भाजपा के मंत्रियों से इस्तीफे नहीं लेती तो आज यहां बैठक में अपनी ही पार्टी के विधायकों के इस्तीफे संभाल रहीं होती।

बैठक में मौजूद रहे एक नेता ने बताया कि विधायकों ने मुख्यमंत्री से कहा कि अगर नई दिल्ली एजेंडा ऑफ एलांयस को लागू करने में ज्यादा रुचि नहीं दिखाती है तो उन्हें सरकार से बाहर होने में देरी नहीं करनी चाहिए।

उन्होंने मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि अगर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यही स्टैंड वर्ष 2009 में शोपियां में आसिफा व नीलोफर नामक दो महिलाओं की मौत पर लिया होता तो आज कश्मीर के हालात इतने खराब नहीं होते।

जम्मू-कश्मीर में बीजेपी प्रभारी राम माधव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि मुफ्ती सरकार को इस्तीफा सौंपने वाले बीजेपी नेता सिर्फ नासमझी के दोषी हैं।

इसी के साथ बीजेपी ने कठुआ केस की त्वरित जांच का भी दावा किया. राम माधव ने बताया कि बीजेपी के दोनों नेता सिर्फ ये स्पष्ट करना चाह रहे थे कि किसी भी निर्दोष का उत्पीड़न नहीं किया जाएगा।

वहीं सीएम मेहबूबा मुफ़्ती ने भी बैठक के बाद त्वरित फैसला लेते हुए कठुआ दुष्कर्म के आरोपी, 4 पुलिस वालों को बर्खास्त कर दिया है।