कठुआ- पीड़िता की वकील ने जताई रेप-हत्या की आशंका, जम्मू-कश्मीर से बाहर केस ट्रांसफर करने की मांग

देश को झकझोर देने वाले कठुआ गैंग रेप और मर्डर केस में आज सीजेएम कोर्ट में पहली सुनवाई होगी. इस बीच पीड़िता की वकील दीपिका सिंह राजावत ने अपने साथ रेप या हत्या कराए जाने की आशंका जताई है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर से बाहर केस ट्रांसफर करने की मांग की है. इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करने की उम्मीद है.

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राज्य से बाहर केस ट्रांसफर करने की मांग को लेकर पीड़ित परिवार सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगा. इस बीच आरोपियों को मिल रहे समर्थन से पीड़ित परिवार खौफजदा है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा है कि जांच में दोषी साबित होने पर वकीलों के लाइसेंस रद्द होंगे. बार काउंसिल ने जांच के लिए 5 सदस्यीय टीम बनाई है. साथ ही वकीलों से अपनी हड़ताल खत्म करने को कहा गया है.

आठ हैं आरोपी

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची से गैंगरेप और हत्या के मामले में आज से कोर्ट में सुनवाई शुरू होगी. यह सुनवाई आठ आरोपियों के खिलाफ की जाएगी, जिन पर एक बच्ची को जनवरी महीने में एक सप्ताह तक एक मंदिर में बंधक बनाकर रखने और उसका गैंगरेप कर हत्या करने का आरोप है.

आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल है जिसके खिलाफ एक अलग चार्जशीट दाखिल की गई है. अधिकारियों ने बताया है कि कठुआ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एक चार्जशीट सुनवाई के लिए सत्र अदालत भेजेंगे, जिसमें सात आरोपी नामजद हैं. जबकि नाबालिग आरोपी के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनवाई करेंगे. जम्मू कश्मीर सरकार ने इस संवेदनशील मामले में सुनवाई के लिए दो विशेष वकीलों की नियुक्ति की है. ये दोनों ही सिख हैं.

ये हैं आरोप

बताया जा रहा है कि चार्जशीट में बकरवाल समुदाय की लड़की का किडनैप , बलात्कार और हत्या को सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया गया है. ताकिइस अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय को इलाके से हटाया जा सके.

कठुआ के एक छोटे गांव के एक मंदिर का रखरखाव करने वाले शख्स को इस पूरी वारदात का मास्टरमाइंड बताया गया है, जिसका नाम सांजी राम है. सांजी राम पर विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और सुरेंद्र वर्मा के साथ मिलकर इस दर्दनाक घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया गया है. बता दें कि इस केस के आठों आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं.

वकील कर रहे हैं विरोध

जम्मू के वकील लगातार इस घटना पर आरोपियों के पक्ष में समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं. उन पर न्यायिक प्रकिया में रुकावट डालने के भी आरोप लग रहे हैं. जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट और बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने नाराजगी जताई है. बार काउंसिल स्थानीय वकीलों को सोमवार तक हड़ताल खत्म करने की चेतावनी दे चुका है. वहीं इस पूरी घटना में दोषी पाए जाने वाले वकीलों के लाइसेंस रद्द करने की भी चेतावनी दी गई है. वहीं, इस घटना में आरोपी पुलिसकर्मियों को भी बर्खास्त कर दिया गया है.