कनाडा की जामिया मस्जिद ने ठंड में बेघरों के लिए दरवाज़ा खोला

कनाडा की मशहूर जामिया मस्जिद ने सर्दी में ठिठुरने वाले बेघरों के लिए अपना दरवाज़ा खोल दिया है. वैंकोवर के 8 एवेन्यू में मौजूद जामिया मस्जिद कमिटी ने कहा है कि यह फ़ैसला बढ़ती ठंड के मद्देनज़र किया गया है.

पाकिस्तान कनाडा एसोसिएशन के अध्यक्ष और जामिया मस्जिद के ट्रस्टी हारुन खान ने कहा है कि यह फ़ैसला 18 दिसंबर से अगले एक हफ़्ते तक के लिए किया गया था. मगर अगर ठंड यूं ही रही तो मस्जिद में पनाह ले रहे बेघरों के लिए फ़ैसला अगली तारीख़ तक लागू रहेगा.

हारुन खान ने कहा कि इस साल हालात बेहद ख़राब थे और बार-बार मौसम में हो रहे बदलाव के नाते हमें संगठित होना पड़ा. फिलहाल मस्जिद में 10 से 15 बेघर हर रात पनाह ले रहे हैं. मस्जिद में वॉलेंटियर भी हैं जो रात में इन बेघरों की मदद करते हैं.
वॉलेंटियर अबूबकर कहते हैं कि हमने बेघरों की तकलीफ़ों के बारे में हमने बहुत सुना है और हमारी संवेदनाएं उनके साथ हैं.
अबूबकर हर रात मस्जिद में ही बेघरों के पास सोते है. बेघरों की मदद के लिए उनके जज़्बात देखकर अन्य युवा भी वॉलेंटियर बनने मस्जिद में आ रहे हैं. वॉलेंटियर खाना पहुंचाने, कम्बल मुहैया कराने के अलावा उनके साथ बैठ कर बातें भी करते हैं.

जामिया मस्जिद की स्थापना हारुन के वालिद रियासत अली खान ने 1963 में करवाई थी. उन्होंने कहा कि जिसको भी पनाह की ज़रूरत है वो सुबह 7 बजे से लेकर रात के 9 बजे तक कभी भी यहां आ सकता है.