नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी हुकूमत पर तन्क़ीद का एक और महाज़ खोलते हुए सदर कांग्रेस सोनिया गांधी ने इस पर इल्ज़ाम आइद किया कि वो कबायलियों के अराज़ी हुक़ूक़ ग़सब कर रही है और मुवाज़नाती हिफ़्ज़ान-ए-सेहत के लिए मुख़तस रक़म और दीगर तरक़्क़ीयाती प्रोग्रामों के लिए मुख़तस रक़म जो कबायलियों के लिए है, कम कर रही है।
अपने एक बयान में सोनिया गांधी ने कहा कि हुकूमत को चाहिए कि वरजीनस ज़ाज़ा कमेटी की सिफ़ारिशात को मंज़ूरी दे जो यू पी ए हुकूमत ने 2013 में क़ायम की थी , ताकि कबायलियों के समाजी-ओ-मआशी मौक़िफ़ का तख़मीना किया जा सके। उन्होंने कहा कि हुकूमत को बिलाताख़ीर कमेटी की सिफ़ारिशात को मंज़ूर करना चाहिए।
कमेटी ने कबायलियों को मज़ीद अलग-थलग कर देने के इंसिदाद के लिए क़ानून में तबदिलीयों की सिफ़ारिश की थी ताकि कबायलियों को वसाइल पर वसीअ-तर इख़्तयारात हासिल हो सके। उन्होंने कहा कि दीगर चैलेंजेस भी हमारी कबायली आबादी को दरपेश हैं। इन पर भी ग़ौर करना चाहिए।
उनके हिफ़्ज़ान-ए-सेहत और तरक़्क़ीयाती प्रोग्रामों के लिए मुख़तस रक़म में तख़फ़ीफ़ वाज़िह नाइंसाफ़ी है। हुकूमत माहौलियाती हुक्मरानी और कबायली अराज़ी हुक़ूक़ में कमी करना चाहती है । ये आदि वासियों की फ़लाह-ओ-बहबूद के लिए संगीन ख़तरा है। सदर कांग्रेस ने जंग-ए-आज़ादी में कबायलियों के किरदार की दिल खोल कर सताइश की और कहा कि वो माहौलियात का तहफ़्फ़ुज़ कर रहे हैं जो हमारा क़दीम तहज़ीबी विरसा है।