कब शुरू होगा ड्रेनेज का काम : अदालत

रांची 20 जून : झारखंड हाइकोर्ट ने हरमू नदी की साफ-सफाई और क़ब्ज़ा आज़ाद करने के मामले में दायर तौहीन की दरख्वास्त पर सुनवाई करते हुए सख्त नाराजगी जाहिर की। चीफ जस्टिस प्रकाश टाटिया और जस्टिस जया राय की खंडपीठ ने 10 अप्रैल 2013 को रांची म्युन्सिपल कॉर्पोरेशन की तरफ से दिये गये जवाब को खारिज करते हुए रियासत हुकूमत से पूछा : कब तक रांची में सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम चालू हो जायेगा। अदालत को तारीख की जानकारी दी जाये।

बेंच ने कॉर्पोरेशन तरक्की महकमा के सेक्रेटरी और रांची म्युन्सिपल कॉर्पोरेशन के सीइओ को हाजिर होकर जवाब दाखिल करने का हुक्म दिया। उन्हें 15 जुलाई को अदालत में मौजूद होने के लिए कहा गया है। बेंच ने तब्सिरह करते हुए कहा कि 15 नवंबर 2000 को झारखंड रियासत का तशकील हुआ था कि यहां पर सस्टेनेबल डेवलपमेंट होगा, पर अब तक रियासत में अपना असेंबली इमारात तक नहीं है।

रियासत का मत्लुबा तरक्की नहीं हुआ। प्लानिंग और डीपीआर बनाने पर बहुत पैसे खर्च किये गये। यह खर्च उस नुकसान से कम है, जो यहां बिना काम किये हुआ है। रियासत के अफसरों की सुस्ती की वजह रियासत की बड़ी रक़म लैप्स हो गयी।

अफसर सिर्फ अपनी तनख्वाह और सहुलत पर ही तवज्जो देते हैं। मर्क़जी हुकूमत से पैसे तो आये, पर उसका मुनासिब इस्तेमाल नहीं किया गया। ख्वाह की तरफ से वकील राजीव कुमार और विशाल कुमार सिन्हा ने मौकिफ रखा। उन्होंने बेंच को बताया कि हरमू नदी की साफ-सफाई के लिए अदालत ने हुकूमत व जिला इंतेजामिया को कई बार हुक्म दिया, लेकिन सफाई नहीं करायी गयी। सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम भी तैयार नहीं किया गया। शहर की नालियां सीधे हरमू नदी में गिरती हैं, जिससे गंदा पानी और कचरा नदी में जा रहा है।

काबिल ए ज़िक्र है कि ख्वाह ललन कुमार शर्मा ने तौहीन दरख्वास्त दायर कर पिटीशन में मंज़ूर हुक्म का तमिल कराने की दरख्वास्त की है।