कमरुज्जमा की फांसी की मुख़ालिफ़त करेगा जमात-ए-इस्लामी

जंग जुर्म और क़तल-ए-आम के मुजरिम जमात-ए-इस्लामी के रहनुमा मोहम्मद कमरुज्जमा को फांसी दिए जाने के ख़िलाफ़ एहतेजाज में बांग्लादेश में तशद्दुद फैलने का शक‌ है। कमरुज्जमा को 1971 में आजादी के जद्द-ओ-जहद के दौरान तशद्दुद का मुजरिम पाया गया था। उसे हफते कि रात 10.01 बजे ढाका की सेंट्रल जेल में फांसी दी गई। बांग्लादेश में जंगी मुजरिमों के खिलाफ चलाए जा रहे ट्रायल के दौरान यह दूसरी अहम फांसी है।

जमात-ए-इस्लामी ने कमरुज्जमा की फांसी के मुख़ालिफ़त में पीर‌ को मुल्कगीर‌ बंद का ऐलान किया है। इस दौरान मुजरिमों के ट्रायल और फांसी का हिमायत करने वाले हजारों लोग भी जुटेंगे। दोनों फ़रीक़ों के बीच टकराव की ख़दशा(शक) देखते हुए ढाका समेत कई दीगर शहरों में भारी पुलिस फ़ोर्स तैनात की गई है।