कमसिन को बचाने की कोशिश में पड़ोसी ने जान दे दी

आज के पुरआशूब माहौल में जहां किसी इंसान को दूसरे इंसान की परवाह नहीं, एक शख़्स ने अपने पड़ोसी होने का हक़ अदा कर दिया और कमसिन को आग से बचाने की कोशिश में ख़ुद अपनी भी जान दे दी।

ये वाक़िया सलीमनगर कॉलोनी मलकपेट में उस वक़्त पेश आया जब मुहम्मद शफ़ी के मकान में शॉर्ट सर्किट के सबब पहली मंज़िल में अचानक आग लग गई। इस मकान में शफ़ी के तीन लड़के मुहम्मद निज़ामुद्दीन, मुहम्मद रियाजुद्दीन और मुहम्मद अली रहते हैं। निज़ामुद्दीन के ख़ुसर साकन हुस्ननगर का इंतेक़ाल होने के सबब शफ़ी और उनके अरकाने ख़ानदान पुर्सा देने के लिए हुस्ननगर गए हुए थे जबकि रियाजुद्दीन की बीवी समीरा बेगम और उनकी दो लड़कीयां चार साला अफ़्शां बेगम और आठ माह की बुशरा बेगम को मकान में छोड़कर गए थे। दोपहर अचानक शॉर्ट सर्किट के सबब रियाजुद्दीन के मकान में आग लग गई और हाल के पर्दे और सोफा सेट जल कर ख़ाकसतर होगया। आग अचानक भड़क उठने के सबब समीरा बेगम अपनी बड़ी लड़की अफ़्शां बेगम के हमराह वहां से बाहर निकलने में कामयाब होगईं जबकि बुशरा को अपने साथ बाहर नहीं लासकीं। समीरा बेगम की तरफ से मदद तलब करने पर उन के पड़ोसी 55 साला सय्यद महबूब अली ने दरवाज़ा तोड़ कर उनके मकान में दाख़िल हुए और कमसिन बुशरा को गोद में लेकर बाहर निकलने की कोशिश की लेकिन आग और धोईं के सबब मकान से वो बाहर नहीं निकल सके और शदीद धोईं के सबब दम घुटने से महबूब अली बरसर मौक़ा फ़ौत होगए। मलकपेट पुलिस ने फ़ौरी फ़ायर इंजन को तलब करलिया और कुछ ही देर में आग पर क़ाबू पाने के बाद फ़ायर इंजन-ओ-पुलिस अमला मकान में दाख़िल होकर बुशरा बेगम को नीम बेहोशी की हालत में पाया और 108एम्बुलेंस तलब करके दवाख़ाना मुंतक़िल करने की कोशिश कररहे थे कि वो दौरान मुंतक़ली फ़ौत होगई। डिप्टी कमिशनर पुलिस ईस्ट ज़ोन वि रवींद्र ने जाये हादिसा का मुआइना किया और मलकपेट पुलिस को इस सिलसिले में एक मुक़द्दमा दर्ज करने की हिदायत दी।