कम्युनिस्टों ने रियासत की सूरतेहाल पर सदर को ख़त सौंपा

रांची 1 मई : कमयूनिस्ट जमातों ने रियासत की सूरतेहाल के बारे में सदर को मेमोरेंडम ख़त सौंपा. इसमें उन्होंने रियासत में ख्वातीन को लेकर बढ़ रही अदम तहफ्फुज़ के एहसास का जिक्र किया गया है. साथ ही इस पर मुदाख्लत की मांग की गयी है. सदर को बताया गया है कि रियासत तशकील के बाद से बड़ी तादाद में कबायल और गैर गैर कबायल गरीब अवाम को रोजगार के लिए नक़ल मकानी हो रही है. बताया गया कि दिल्ली में हुए अजतेमई इस्मत रेज़ी के वाकेया के बाद से यहां इस्मतदारी की 14 वाकेयात दर्ज हुई हैं. यहां बड़े कॉरपोरेट घरानों की तरफ से जबरन काबिल काश्त जमीन का हसुल हो रहा है. विस्थापितों की बहाली नही रही है. स्मार ख़त सौंपनेवालों में सीपीएम के प्रकाश विप्लव, सीपीआइ के अजय कुमार, माले के जनार्दन प्रसाद, फॉरवर्ड ब्लॉक के जयंत पांडेय, आरएसपी के राधाकांत झा, मासस के सुशांतो शामिल हैं.

राष्ट्रपति को जो बताया गया
वन हकूक कानून-2005 पर अमल नहीं हो रहा.
बीपीएल से बड़ी तादाद में गरीबों के नाम हटा दिये गये.
गरीबों को सस्ते दाम पर 35 किलो अनाज देने में बदउन्वानी फैले है.
मनरेगा में लूट जारी है.
लड़कियां ऑटो रिक्शा और बसों में गैर महफूज़ महसूस कर रही हैं.
25 अप्रैल को रांची के डोरंडा में छह साला बच्ची के साथ इस्मतदारी कर उसकी क़त्ल कर दी गयी.
उसी शाम लालपुर में चार साला बच्ची के साथ इस्मतदारी की कोशिश किया गया.
24 अप्रैल को जामताड़ा में दो बच्चियों के साथ अज्तेमाई इस्मत रेज़ी हुआ और उनकी क़त्ल कर दी गयी.