अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की मक़बूलियत तेजी से कम हो रही है और अब वह पहले वाली मजबूत हालत में नहीं है|
एक न्यूज चैनल के सर्वे में बताया गया है कि आम आदमी पार्टी को दिल्ली असेम्बली इंतेखाबात में जो कामियाबी मिली थी, वह उसे लोकसभा इंतेखाबात दोहरा नहीं पाएगी|
यहां अप्रैल में होने वाले इंतेखाबात में पार्टी वैसा कमाल अब नहीं कर सकती|चैनल के लिए यह सर्वे पोलिंग एजेंसी ए सी नीलसन ने किया है, उसके ताजा सर्वे के मुताबिक आम आदमी पार्टी का वोट स्टॉक काफी कम चुका है|
जनवरी में जहां उसका वोट स्टॉक 55 फीसद था वहीं मार्च में कम होकर 34 फीसद रह गया है|आम आदमी पार्टी ने उसी वोट स्टॉक से दिल्ली असेम्बली इंतेखाबात में 28 सीटें जीती थीं और हुकुमत बनाने के करीब पहुंच गई थी|
बाद में कांग्रेस का साथ मिलने के बाद उसने हुकुमत बनाया भी|वह हुकुमत 49 दिनों तक चली| इसका नतीजा हुआ कि दिल्ली में सदर राज नाफिज़ हुआ|आम आदमी पार्टी के वोट स्टॉक में कमी का फायदा कांग्रेस को होता दिख रहा है| दिसंबर में जहां उनका वोट स्टॉक महज 9 फीसद था वहीं यह मार्च में बढ़कर 28 फीसद हो गया है|