करणी सेना द्नारा जयपुर में पद्नमावती के सेट में भंसाली की पिटाई के विरोध में सुशांत सिंह राजपूत ने अपना सर नेम हटाने का ऐलान किया था। ट्वीटर पर ये ऐलान करते वक्त उन्होंने कहा था कि जब तक हम अपने सरनेम से चिपके रहेंगे तब तक हमें भुगतना होगा। अगर आप में हिम्मत है तो आप पहले नाम से ख़ुद को सामने रखें। लेकिन दो दिन से भी कम वक्त में उन्होंने अपना सरनेम “राजपूत’ वापस अपने नाम के पीछे लगा दिया। जिसके बाद से ही ट्वीटर में उनको ट्रेोल किया जाने लगा।
आशीष खरे ने ट्वीट किया, ”कमिटमेंट करके पीछे हट गए. क्या कोई बताएगा यही राजपूत के लक्षण हैं?
@Kelawalababa ने लिखा, ”अबकी बारी राजपूत लिखने में तकलीफ तो नहीं हुई नाम के साथ?”
बर्बाद-ए-गुलिस्तां लिखते है ट्वीटर पर – कितना सही है, लोग तैश में सरनेम हटा देते हैं लेकिन जाति नहीं जाती।
हालांकि जब लोगों ने सुशांत को ट्रोल किया तो वो बोले, ”मैंने अपना सरनेम नहीं बदला है। तुम अगर बहादुरी दिखाओगे तो मैं तुमसे 10 गुणा ज्यादा राजपूत हूं। मैं कायरतापूर्ण हरकत के ख़िलाफ़ हूं।”
हालांकि ट्वीटर पर कुछ ने सुशांत सिंह को साथ भी दिया।
नागेंद्र सिंह ने ट्वीट कर लिखा- भंसाली मामले में स्टैंड लेकर तुमने वाकई राजपूत होने की शान बढ़ाई। हमें तुम्हारे राजपूत होने पर नाज है। वेलकम बैक राजपूत सरनेम।